वाशिंगटन, 24 सितंबर (भाषा) : ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि वह और उनके भारतीय समकक्ष तथा ‘‘प्रिय मित्र’’ नरेंद्र मोदी कम उत्सर्जन प्रौद्योगिकी साझेदारी तथा कम लागत वाले सौर कार्यक्रम सहित कुछ महत्वपूर्ण नयी पहल पर सहमत हुए हैं, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और गहरा करने में मदद करेंगे।
मोदी और मॉरिसन के बीच बृहस्पतिवार को हुई बैठक के एक सप्ताह पहले दोनों नेताओं ने फोन पर भी बातचीत की थी। उन्होंने हालिया ‘टू प्लस टू’ वार्ता समेत भारत-ऑस्ट्रेलिया समग्र रणनीतिक भागीदारी की समीक्षा की और क्षेत्रीय विकास तथा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में क्वाड बैठक को लेकर विचारों का आदान प्रदान किया। क्वाड समूह में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया हैं।
मॉरिसन ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अभी-अभी अपने क्वाड भागीदारों में से एक, प्रिय मित्र और ऑस्ट्रेलिया के करीबी दोस्त प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक बैठक करके आया हूं। हम पिछले कुछ सालों से साथ काम कर रहे हैं। आज हमारी बैठक में, हम कुछ महत्वपूर्ण नयी पहल पर सहमत हुए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज की हमारी बैठक में हम कम उत्सर्जन प्रौद्योगिकी साझेदारी के साथ आगे बढ़ने पर सहमत हुए। इस साझेदारी के माध्यम से हाइड्रोजन विकास, कम लागत वाले सौर कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ताकि ऊर्जा क्षेत्र में आ रहे बदलाव का समर्थन किया जा सके।’’
मॉरिसन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर वार्ता जारी रखकर यह सुनिश्चित करना है कि विकसित से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रौद्योगिकी का स्थानांतरण हो।
‘ऑकस’ समझौते का क्वाड सदस्यों की आगामी बैठक पर असर संबंधी एक सवाल पर मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की कई देशों के साथ भागीदारी है और उनका देश क्वाड तथा ऑकस की त्रिपक्षीय भागीदारी को पूरक की तरह देखता है।
ऑकस (ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका) सुरक्षा भागीदारी की शुरुआत पिछले सप्ताह राष्ट्रपति बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और मॉरिसन ने की थी। मॉरिसन ने कहा कि उन्हें ऑकस समझौते और परमाणु चालित पनडुब्बियों के बेड़े के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत का अवसर मिला। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले हफ्ते (ऑकस पर) ऑस्ट्रेलिया में घोषणा करने से एक रात पहले प्रधानमंत्री मोदी से बात की थी।’’
ऑकस सुरक्षा भागीदारी आरंभ होने के बाद से मॉरिसन और मोदी के बीच यह पहली बैठक थी। एक बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण पर व्यापक संवाद की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। दोनों नेताओं ने स्वच्छ प्रौद्योगिकी प्रदान करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की।’’
मोदी और मॉरिसन इस बात पर सहमत हुए कि इस क्षेत्र में दो जीवंत लोकतंत्रों के रूप में भारत और ऑस्ट्रेलिया को अन्य बातों के साथ-साथ महामारी के बाद की दुनिया में चुनौतियों से पार पाने के लिए आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन बढ़ाने को लेकर मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
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