गुरुवार, 6 जनवरी (भाषा): कजाकिस्तान के सबसे बड़े शहर अलमाती की पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष में 12 अधिकारियों की मौत हो गई, एक का सिर कलम कर दिया गया। बुधवार रात को प्रदर्शनकारियों ने कई इमारतों को आग लगा दी। इसके बाद पुलिस ने फायरिंग की।
रूस के पड़ोसी देश कजाकिस्तान में तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से शुरू आंदोलन अब राजनीतिक हो गया है। बुधवार रात से गुरुवार तक पुलिस फायरिंग में 12 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यहां के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को अपनी सरकार का इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि, अब तक हिंसा में किसी तरह की कमी नहीं देखी गई है। इस बीच, रूस भी एक्टिव हो गया है। व्लादिमिर पुतिन ने यहां अपनी सेना उतार दी है। कजाकिस्तान पूर्व सोवियत संघ का ही हिस्सा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के अलमाती शहर में हिंसक भीड़ ने सरकारी इमारतों में घुसने और उनमें आग लगाने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने भी बल प्रयोग किया। कुछ देर बाद फायरिंग की गई। अब तक 12 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। पुलिस प्रवक्ता साल्तानेत एरबिक ने कहा- देश में कुछ कट्टरपंथी ताकतें हालात का फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं। कुछ लोग मारे गए हैं। इनकी पहचान की जा रही है। 1991 के बाद इस तरह के हालात पहली बार पैदा हुए हैं।
कजाकिस्तान में हिंसा की वजह और आंदोलनकारियों की मांगें भी साफ नहीं हैं। ऐसा लग रहा है कि भीड़ सिर्फ सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना चाहती है। यही वजह है कि पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। अलमाती में भीड़ ने मेयर का घर और ऐतिहासिक प्रेसिडेंशियल पैलेस में भी घुसने की कोशिश की। एयरपोर्ट पर भी बवाल हुआ तो फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं। होम मिनिस्ट्री का कहना है कि घटना में 8 पुलिसकर्मी भी मारे गए हैं। 300 से ज्यादा लोग घायल हैं। रूसी सेना को तैनात किया जा रहा है।
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