तोक्यो, चार जनवरी (एपी): जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कोरोना वायरस रोधी टीकों की बूस्टर खुराक देने में तेजी लाने, कोविड-19 के इलाज के लिए आयातित दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और तेजी से फैलने वाले ओमीक्रोन स्वरूप से मुकाबले के लिए चिकित्सा इकाइयों का पुनर्गठन करने का मंगलवार को संकल्प लिया।
गत वर्ष अक्टूबर में प्रधानमंत्री का पदभार संभालने वाले किशिदा ने कहा कि उन्होंने इस तरह की तैयारियां करने के लिए नवंबर से सीमा पर सख्त नियंत्रण का आदेश दिया है। जापान ने वापस लौटने वाले निवासियों और जापानी नागरिकों को छोड़कर अन्य की वापसी यात्रा पर रोक लगा दी है।
किशिदा ने कहा कि कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रोन स्वरूप का मुकाबला अब घरेलू उपायों से किया जाएगा, जैसे कि मुफ्त कोरोना वायरस जांच अधिक आसानी से उपलब्ध कराना। उन्होंने कहा कि हालांकि, सीमा पर नियंत्रण जारी रहेगा।
उन्होंने तोक्यो के दक्षिण-पश्चिम में माई स्थानीय शासन क्षेत्र स्थित एक धर्मस्थल पर प्रार्थना करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने प्रार्थना की ताकि हम कोरोना वायरस महामारी पर काबू पा सकें और यह वर्ष आप सभी के लिए एक शानदार वर्ष होगा।’’
जापानी नेता हर साल की शुरुआत में इस धर्मस्थल पर आते हैं, हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने पिछले साल महामारी के कारण यहां आने का कार्यक्रम रद्द कर दिया था।
किशिदा ने कहा कि मर्क कंपनी की गोलियां (दवा) हजारों अस्पतालों में वितरित की गई है और फाइजर की गोलियों (दवा) की खरीद के लिए भी प्रयास चल रहे हैं ताकि उनका इस्तेमाल अगले महीने से कोरोना वायरस के लक्षण वाले मरीजों के उपचार में किया जा सके।
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रत्येक व्यक्ति को इलाज के लिए भर्ती किया जाएगा जो कोविड-19 से संक्रमित पाया जाता है और उसे अस्पताल में भर्ती होने की जरुरत है। वहीं ऐसे व्यक्ति जो घर पर रहकर ठीक हो सकते हैं उन्हें चिकित्साकर्मियों की निगरानी में ऐसा ही करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अन्य सुविधाओं को भी उन लोगों के लिए तैयार किया जाएगा जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन लक्षणों के आधार पर पृथकवास की आवश्यकता है।
हालांकि, जापान में हाल ही में कोविड-19 के नये मामलों और होने वाली मौतों की संख्या में कमी आयी है, लेकिन ओमीक्रोन स्वरूप के कारण संक्रमण की ‘‘छठी लहर’’ को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। हवाई अड्डे, शॉपिंग स्थल और धर्मस्थल नये साल के जश्न के लिए खचाखच भरे हुए हैं, जबकि पिछले साल ऐसा नहीं था क्योंकि तब लोग अपने घर पर ही थे।
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