यरूशलम, 19 अक्टूबर (भाषा) : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को इजराइली संसद के अध्यक्ष मिकी लेवी से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने भारत तथा इजराइल के समक्ष उत्पन्न कट्टररपंथ जैसी चुनौतियों पर व्यापक चर्चा की और क्षेत्र के घटनाक्रम का जायजा लिया।
विदेश मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘आज सुबह इज़राइल की नेसेट के अध्यक्ष मिकी लेवी से मुलाकात की। उनके तथा विदेश मामलों एवं रक्षा समिति के अध्यक्ष राम बेन बराक के साथ व्यापक चर्चा की। नेसेट में भारत के साथ संबंधों के लिए व्यापक समर्थन की सराहना हुई।’’
जयशंकर और लेवी ने दोनों देशों के सामने आने वाली आम चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की और क्षेत्र के घटनाक्रम का जायजा लिया।
सूत्रों ने यहां बताया कि दोनों पक्षों ने कट्टरवाद से मिलकर लड़ने का संकल्प लिया और अपने संसदीय मैत्री समूहों के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।
लेवी ने कहा, ‘‘भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर की मेजबानी करना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है, जो इजराइल और भारत के बीच महान संबंधों में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।’’
उन्होंने कहा, ‘हमारे दो महान प्राचीन राष्ट्रों और जीवंत लोकतंत्रों के बीच हाल के वर्षों में मजबूत एवं अद्वितीय बंधन विकसित हुआ है। नेसेट के अध्यक्ष के रूप में, मैं अपने समकक्ष लोकसभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।’
नेसेट के अध्यक्ष ने जयशंकर से यह भी कहा कि ‘‘इजराइल और अरब एवं मुस्लिम देशों के साथ बांहें खोलकर शांति का स्वागत करता है।’’
अगस्त 2020 में इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अमेरिका ने अब्राहम नामक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते से इजराइल और यूएई को अपने संबंधों को सामान्य बनाने में मदद मिली।
भारत ने समझौते का यह कहते हुए स्वागत किया था कि उसने ‘हमेशा पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता का समर्थन किया है जो हमारा विस्तारित पड़ोस है।’
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