नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) : अफगानिस्तान के घटनाक्रमों, दक्षिण चीन सागर में स्थिति और एक मुक्त एवं खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के तरीकों पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर तथा उनके जापानी समकक्ष हयाशी योशीमासा के बीच सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत हुई।
जापानी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की और पूर्वी चीन सागर व दक्षिण चीन सागर में बल पूर्वक यथास्थिति में बदलाव करने की किसी भी एकतरफा कोशिश के प्रति अपना ‘‘कड़ा विरोध’’ साझा किया।
इसमें कहा गया है कि दोनों विदेश मंत्रियों ने जापानी प्रधानमंत्री फुमिया किशिदा की भारत यात्रा को शीघ्र मूर्त रूप देने के लिए साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया और कहा कि दोनों पक्ष जापान-भारत ‘टू प्लस टू’ मंत्रीस्तरीय वार्ता के अगले चरण के लिए समन्वय करेंगे।
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष लचीली आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करके आर्थिक सुरक्षा पर सहयोग मजबूत करेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने म्यामां और अफगानिस्तान जैसी क्षेत्रीय स्थिति से निपटने के लिए सहयोग और बढ़ाने का फैसला किया। उन्होंने कोविड-19 से निपटने और आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग करने का भी संकल्प लिया।
जापानी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल का निर्माण आगे बढ़ाने की कोशिशें जारी रखने का भी फैसला किया। ’’
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