यरुशलम, 24 जनवरी (भाषा ) :भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने सोमवार को कहा कि इजरायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस वर्ष भारत की यात्रा कर सकते हैं, क्योंकि दोनों देश आपसी राजनयिक संबंध के 30 वर्ष पूरे होने को लेकर उत्सव मना रहे हैं।
इस मौके पर वर्ष भर चलने वाले उत्सव को गति देने के लिए वर्चुअल माध्यम से एक विशेष लोगो जारी किया गया। लोगो जारी करने के लिए आयोजित वेबिनार में गिलोन ने कहा कि वह भारत में राजदूत बनकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। गिलोन ने दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच संबंध को असाधारण और नियमों से परे बताया।
गिलोन ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री न्रफ्ताली बेनेट और अन्य अधिकारी इस वर्ष भारत यात्रा पर आ सकते हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इजरायली प्रधानमंत्री बेनेट को भारत आने का न्योता दिया था।
गिलोन ने कहा कि यह हमारी पारस्परिक सफलताओं पर विचार करने और आगामी 30 वर्ष के आपसी संबंधों को निर्धारित करने के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संबंध आने वाले वर्षों में और मजबूत होंगे। गिलोन ने इस लोगो को तेल अवीव में तैनात भारतीय राजदूत संजीव सिंगला के साथ वर्चुअल माध्यम से जारी किया। इस लोगो में डेविड स्टार और अशोक चक्र शामिल है, ये दोनों प्रतीक दोनों देशों के ध्वज में भी शामिल हैं। लोगो में 30 का अंक भी है, जो राजनयिक संबंधों के 30 वर्ष पूरे होने को दर्शाता है।
सिंगला ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2022 द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी के पांच वर्ष का भी प्रतीक है, जो 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक इजरायल यात्रा के दौरान स्थापित की गई थी। भारतीय राजदूत ने बताया कि कैसे नवानगर के महाराजा जाम साहिब ने न केवल कई यहूदी बच्चों की जान बचाई, बल्कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्हें आश्रय प्रदान किया। महाराजा ने जब तक वे रहना चाहे तब तक उनकी देखभाल की और संरक्षण प्रदान किया।
दोनों देशो के बीच राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ से जुड़ा लोगो बनाने के लिए इजरायल और भारत के प्रमुख डिजाइन कॉलेजों के छात्रों के लिए एक प्रतियोगिता शुरू की गई थी। एनआईटी के निखिल कुमार राय के डिजाइन को सर्वसम्मति से समारोह के लिए स्मारक लोगो के रूप में चुना गया था।
वाराणसी निवासी निखिल एनआईटी अहमदाबाद में अंतिम वर्ष के छात्र हैं और उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के दृश्य कला संकाय में भी अध्ययन किया है।
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