नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) : भारत वर्ष 2030 तक जापान को पीछे छोड़कर एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। उस समय तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आकार जर्मनी एवं ब्रिटेन से भी आगे हो जाने और दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।
आईएचएस मार्किट की शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह दशक काफी अच्छा रहने की संभावना जताई गई है। भारत इस समय अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी एवं ब्रिटेन के बाद दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत का बाजार मूल्य पर जीडीपी के वर्ष 2021 के 2,700 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 8,400 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है। इस तीव्र रफ्तार वाली वृद्धि से भारतीय जीडीपी का आकार 2030 तक जापान से आगे निकल जाएगा जिससे भारत चीन के बाद एशिया-प्रशांत क्षेत्र की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
इसके साथ ही भारत की जीडीपी उस समय तक जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन को भी आकार के मामले में पीछे छोड़ चुकी होगी।
मार्किट की रिपोर्ट कहती है, ‘कुल मिलाकर भारत के अगले दशक में सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने की संभावना है।’
इस उच्च वृद्धि दर को दीर्घकालिक परिदृश्य में कई अहम कारकों से समर्थन मिलने की उम्मीद है। तेजी से बढ़ता मध्य वर्ग का आकार भारत में उपभोक्ता व्यय को मजबूती दे रहा है जिससे वर्ष 2030 तक देश का उपभोक्ता व्यय दोगुना होकर तीन अरब डॉलर होने की संभावना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 8.2 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि वर्ष 2020-21 में इसमें 7.3 फीसदी की गिरावट आई थी।
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