नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) : सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को कहा कि भारतीय सेना देश के पड़ोस के हालात पर लगातार नजर रखे हैं और किसी भी प्रकार की सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। एआईएमए द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सेना दो मोर्चे पर युद्ध के लिए भी तैयार है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना खुद को एक संख्याबल में बड़ी सेना से तकनीकी रूप से सशक्त सेना में परिवर्तित करने का काम तेजी से कर रही है ताकि विरोधियों पर प्रभाव कायम किया जा सके। जनरल नरवणे ने कहा, “हम हमेशा क्षेत्र और माहौल पर नजर रखते हैं और उसके अनुसार इसकी समीक्षा करते हैं कि खतरे किस प्रकार के हो सकते हैं। इस आकलन के आधार पर हम अपनी संभावित प्रतिक्रिया में बदलाव करते हैं।”
उन्होंने कहा, “यह लगातार होने वाला काम है और हम हमेशा बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।” जनरल नरवणे अफगनिस्तान में तालिबान की वापसी और देश की सुरक्षा पर उसके प्रभाव के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
चीनी अतिक्रमण और इससे निपटने के लिए भारतीय सेना की रणनीति और क्षमता के बाबत पूछे गए सवाल के बारे में उन्होंने कहा, “हम विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाये हुए हैं चाहे वह जमीन पर हो या अंतरिक्ष में। इन बदलावों के आधार पर हम अपनी रणनीति में सुधार करते रहेंगे।” जनरल नरवणे ने कहा कि युद्ध की प्रकृति में बदलाव नहीं होता लेकिन युद्ध के चरित्र में समय के साथ परिवर्तन होता रहता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत चीन और पाकिस्तान के साथ कई मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार है, सेनाध्यक्ष ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमा अशांत है और जाहिर है कि इन क्षेत्रों में हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।”
उन्होंने कहा, “लेकिन ऐसा नहीं है कि इन चुनौतियों से निपटा नहीं जा सकता। अगर जरूरत पड़ेगी तो हम एक ही समय में इन दोनों चुनौतियों का सामना करेंगे।” जनरल नरवणे ने कहा कि बदलते परिदृश्य के साथ भारतीय सेना भविष्य के युद्ध के सभी पक्षों पर काम कर रही है।
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