नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) भारत ने सोमवार को कहा कि वह अफगानिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगा। इसके साथ ही भारत ने यह भी कहा कि वह युद्धग्रस्त देश छोड़ने की इच्छा रखने वाले सिखों और हिंदुओं को आने के लिए सुविधाएं मुहैया कराएगा।
इस बीच काबुल पर तालिबान का नियंत्रण स्थापित हो जाने के बाद अफगानिस्तान के भविष्य को लेकर अस्थिरता के बादल मंडरा रहे हैं और काबुल हवाई अड्डे पर से सभी वाणिज्यिक उड़ानों के परिचालन पर रोक लगा दी गयी है।
अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के एक दिन बाद भारत के शीर्ष रक्षा अधिकारियों, विदेश नीति से जुड़े प्रतिष्ठानों और वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों ने सोमवार को वहां तेजी से बिगड़ते हालात की समीक्षा की।
इस समीक्षा बैठक से संबंधित जानकारों ने बताया कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां तेजी से बिगड़ते हालात के मद्देनजर सरकार की प्राथमिकता अफगानिस्तान में फंसे लगभग 200 भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाना है। इनमें भारतीय दूतावास के कर्मी और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के दौरान काबुल में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हो गयी है। मंत्रालय ने कहा, ‘काबुल हवाई अड्डे पर वाणिज्यिक परिचालन को आज निलंबित कर दिया गया। इससे लोगों की वापसी के हमारे प्रयासों पर रोक लग गयी। हम प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के पुन: शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान की स्थिति पर उच्च स्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। सरकार अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों और अपने हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगी।’
इस बीच, भारतीय वायुसेना का एक भारी-भरकम परिवहन विमान कल देर रात अफगानिस्तान के लिए रवाना हुआ था और वह ईरानी हवाई क्षेत्र के रास्ते वहां पहुंचा। वह विमान कई भारतीयों के साथ काबुल से भारत लौट आया है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह जानकारी दी। हालांकि इस उड़ान के बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
भारतीय वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान को पिछले दो दिनों से तैयार रखा गया है। अधिकारियों ने कहा कि काबुल में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भारतीय दूतावास और अन्य स्थानों से भारतीयों लोगों को हवाईअड्डे पर लाने को लेकर भी सुरक्षा चिंताएं हैं।
अधिकारियों ने कहा कि काबुल स्थित भारतीय दूतावास में मौजूद राजनयिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के सशस्त्र बलों की टुकड़ी को सौंपी गई है और वे जब तक जरुरत होगी वहीं मौजूद रहेंगे।
इससे पहले एअर इंडिया ने सोमवार को पूर्वनिर्धारित अपनी दिल्ली-काबुल-दिल्ली उड़ान को रद्द कर दिया। इसके साथ ही कंपनी पश्चिमी देशों से भारत आने वाले विमानों का परिचालन अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र से करने से बच रही है। एअर इंडिया ने यह कदम काबुल हवाई अड्डे के अधिकारियों द्वारा ‘अनियंत्रित’ स्थिति घोषित किए जाने के बाद उठाया।
अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। हम उन लोगों की भारत वापसी के लिए सुविधा मुहैया कराएंगे जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि कई ऐसे अफगान भी हैं जो पारस्परिक विकास, शैक्षिक और लोगों से लोगों के बीच के संपर्क के प्रयासों को बढ़ावा देने में भारत के सहयोगी रहे हैं और भारत उनके साथ खड़ा रहेगा।
भारत सहित कई देश तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर इतनी जल्दी काबिज होने से चकित हैं। एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा, ‘निश्चित रूप से, हमें काबुल का इतनी जल्दी पतन होने की उम्मीद नहीं थी।’
अधिकारियों ने कहा कि भारत उन सभी अफगान नागरिकों को वीजा जारी करेगा जो विभिन्न विकास परियोजनाओं और गतिविधियों में सहयोग रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत लोगों को बाहर निकालने के अपने मिशन के तहत सोमवार को एक और सी -17 विमान अफगानिस्तान में भेज रहा है।
भाषा अविनाश नरेश
नरेश
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