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भारत ने म्यांमा को 10 लाख टीके, 10,000 टन चावल और गेहूं की आपूर्ति की


गुरु, 23 दिसम्बर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

नेपीता (म्यांमा), 23 दिसंबर (भाषा): भारत ने पड़ोसी देश म्यांमा को कोरोना वायरस टीकों की 10 लाख खुराक और निरंतर मानवीय सहायता के तहत 10,000 टन चावल और गेहूं की आपूर्ति की है। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

दो दिवसीय दौरे पर म्यांमा आए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की यात्रा के दौरान सहायता की घोषणा की गई। म्यांमा की सेना द्वारा आंग सान सू ची की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी सरकार को गत एक फरवरी को अपदस्थ किये जाने के बाद यह भारत की तरफ से उस देश से किया गया पहला उच्चस्तरीय संपर्क है। श्रृंगला ने बुधवार को म्यांमा रेड क्रॉस सोसाइटी को टीके की खेप सौंपी।

मंत्रालय ने एक बयान में बताया, ‘‘भारत म्यांमा के साथ एक लंबी सीमा साझा करता है, इसका जिक्र करते हुए विदेश सचिव ने म्यांमा के लोगों के लिए भारत के निरंतर मानवीय सहयोग से अवगत कराया। कोविड-19 महामारी से निपटने में म्यांमा का सहयोग करने के लिए उन्होंने म्यांमा रेड क्रॉस सोसाइटी को ‘‘भारत में निर्मित’’ टीकों की दस लाख खुराकें सौंपीं।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस खेप के एक हिस्से का उपयोग भारत के साथ लगी म्यांमा की सीमा के करीब रहने वाले समुदायों के लिए किया जाएगा। म्यांमा को 10,000 टन चावल और गेहूं देने की भी घोषणा की गई।’’

बुधवार से शुरू अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान श्रृंगला ने स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल के अध्यक्ष जनरल मिन आंग लाइंग और अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मुलाकात की तथा नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी सहित नागरिक संस्थाओं और राजनीतिक दलों के सदस्यों के साथ बैठकें कीं।

श्रृंगला ने भारत-म्यांमा सीमा क्षेत्रों के साथ लोक केंद्रित सामाजिक-आर्थिक विकास परियोजनाओं के लिए भारत के निरंतर सहयोग, कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट और ट्राइलेटरल हाइवे जैसी पहल के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। विदेश सचिव ने म्यांमा के लोगों के लाभ के लिए रखाइन राज्य विकास कार्यक्रम और सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं को जारी रखने की भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

बयान में कहा गया है कि भारत म्यांमा के साथ लगभग 1700 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। म्यांमा के किसी भी घटनाक्रम का भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। म्यांमा में शांति और स्थिरता भारत के लिए, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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