नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) : भारत और रूस ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में छह लाख से अधिक एके-203 असाल्ट राइफलों के संयुक्त निर्माण के लिए एक समझौते पर सोमवार को हस्ताक्षर किए और दस वर्ष के लिए सैन्य सहयोग पर एक अन्य करार भी किया।
भारतीय सशस्त्र बलों के लिए राइफलों का निर्माण करीब 5000 करोड़ रूपये की लागत से किया जाएगा।
इन समझौतों पर भारत रूस अंतर सरकारी सैन्य एवं सैन्य तकनीक संबंधी आयोग (आईआरजीसी-एमएंडएमटीसी) की 20वीं बैठक के दौरान समझौते किए गए।
बैठक की सह अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उनके रूसी समकक्ष जनरल सर्गेइ शोइगु ने की। बैठक में सैन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन को बढ़ाने सहित सामरिक सहयोग में वृद्धि करने के तरीकों को लेकर चर्चा की गयी।
दोनों पक्षों ने छोटे शस्त्रों की कालश्निकोव श्रृंखला के निर्माण के लिए किए गये समझौते में संशोधन करने वाले एक करार पर हस्ताक्षर किया। मूल समझौता फरवरी 2019 में किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि 20वें आईआरजीसी-एमएंडएमटीसी के प्रोटोकॉल पर एक अन्य समझौता भी किया गयाा।
चार समझौतों में सबसे महत्वपूर्ण करार इंडिया-रशिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरपीएल) के माध्यम से 6,01,427 एके-207 राइफलों के निर्माण को लेकर है।
सैन्य सहयोग पर एक समझौता वर्तमान रूपरेखा के नवीनीकरण को लेकर है।
बैठक में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में सिंह ने रूस को भारत का दीर्घकालिक विशेष एवं अधिकार संपन्न सामरिक भागीदार करार दिया और कहा, उनके ‘‘संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं तथा बहुपक्षवाद, वैश्रविक शांति एवं समृद्धि, आपसी समझ एवं विश्वास पर आधारित हैं।’’ उन्होंने रूस द्वारा भारत को दिये जाने सशक्त सहयोग की सराहना की और और इस बात पर बल दिया कि करीबी सहयोग किसी अन्य देश को लेकर लक्षित नहीं है।
सिंह ने आशा व्यक्त की कि सहयोग से क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता आएगी तथा रक्षा सहयोग भारत-रूस भागीदारी के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत रूस अंतर सरकारी सैन्य एवं सैन्य तकनीकी आयोग पिछले दो दशक से एक सुस्थापित तंत्र है।’’
उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बीच होने जा रही शिखर बैठक भारत एवं रूस के बीच विशेष एवं अधिकार प्राप्त भागीदारी की गहराई एवं महत्व को उभरती हुई भूराजनीतिक परिस्थितियां एक बार फिर से पुष्ट करती है।
रक्षा मंत्री ने भारत एवं रूस के बीच हो रही पहली ‘‘दो जमा दो’’ मंत्री स्तरीय वार्ता दोनों देशों के नेताओं की विशेष पहल बताया जिससे संबंधों के विशेष महत्व का संकेत मिलता है।
शोइगु एवं रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव रविवार रात्रि को यहां पहुंचे थे। वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ पुतिन की होने वाली बैठक में उपस्थित रहेंगे।
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