नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) भारत और रूस ने शुक्रवार को ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। भारत अपने आयात के विविधीकरण को तेल एवं प्राकृतिक गैस के नए स्रोतों की तलाश कर रहा है। इस दृष्टि से यह बातचीत काफी महत्वपूर्ण है।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये रूस के ऊर्जा मंत्री निकोले शुलगिनोव के साथ दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग का और विस्तार करने पर बातचीत की। पुरी ने ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी।
भारत का रूस के तेल एवं गैस क्षेत्रों में कुल 15 अरब डॉलर से अधिक का निवेश है। यह किसी विदेशी गंतव्य में तेल एवं गैस क्षेत्र में एक स्थान पर भारत का सबसे बड़ा निवेश है।
रूस की पेट्रोलियम क्षेत्र की कंपनी रोसनेफ्ट और उसकी भागीदार ने 2017 में एस्सार ऑयल का 12.9 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया था और इसे नायरा एनर्जी का नया नाम दिया था।
पुरी ने ट्वीट किया, ‘रूस के ऊर्जा मंत्री निकोले शुलगिनोव के साथ वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत हुई। हमने द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग के विस्तार पर चर्चा की।’’
उन्होंने कहा कि रूस भारत के ऊर्जा क्षेत्र में सबसे बड़ा निवेशक है। वहीं भारत ने भी रूस के तेल एवं गैस क्षेत्र में उल्लेखनीय निवेश किया है।
पुरी ने कहा, ‘‘रूस में भारतीय तेल एवं गैस कंपनियों के तेल एवं गैस खोज क्षेत्र में चल रहे निवेश की समीक्षा की गई, साथ ही रूस से एलएनजी और कच्चे तेल की आपूर्ति पर भी गौर किया गया। इसके अलावा हमने भारत में रूसी कंपनियों के विपणन एवं आपूर्ति क्षेत्र में किये जा रहे निवेश की भी समीक्षा की।’’
भाषा अजय
अजय महाबीर
महाबीर
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