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भारत ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की अरूणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन की आपत्ति को खारिज किया


गुरु, 14 अक्टूबर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) : भारत ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के हाल के अरूणाचल प्रदेश के दौरे पर चीन की आपत्ति को बुधवार को सिरे से खारिज किया और कहा कि अरूणाचल प्रदेश भारत का ‘अटूट और अभिन्न’ हिस्सा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय नेताओं द्वारा भारत के किसी राज्य की यात्रा पर आपत्ति करने का कोई कारण नहीं है।

बागची ने कहा, ‘‘ हमने चीन के आधिकारिक प्रवक्ता की टिप्पणी को आज देखा है। हम ऐसे बयानों को खारिज करते हैं । अरूणाचल प्रदेश भारत का अटूट और अभिन्न हिस्सा है । ’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल ही में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अरूणाचल प्रदेश दौरे पर चीन के विदेश मंत्रालय की आपत्ति के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही ।

बागची ने कहा, ‘‘ भारतीय नेता नियमित रूप से अरूणाचल प्रदेश की यात्रा करते हैं जिस प्रकार वे भारत के अन्य राज्यों में जाते हैं ।’’

उन्होंने कहा कि भारत के एक राज्य की भारतीय नेताओं द्वारा यात्रा पर आपत्ति करने का कोई कारण भारतीयों को समझ नहीं आ रहा ।

गौरतलब है कि चीन, अरूणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है और वहां भारतीय नेताओं की यात्रा पर आपत्ति व्यक्त करता है।

दोनों पक्षों के बीच बयानों का ताजा आदान प्रदान पूर्वी लद्दाख गतिरोध को लेकर 13वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता के तीन दिन बाद सामने आई है।

बागची ने कहा, ‘‘ जैसा कि हमने पहले कहा है कि भारत चीन सीमा पर पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान स्थिति चीन द्वारा द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने के प्रयास करने के कारण उत्पन्न हुई है। ’’

गौरतलब है कि सरकार पूर्वी लद्दाख को अक्सर पश्चिमी सेक्टर कह कर संबोधित करती है।

बागची ने कहा, ‘‘ इसलिये हम चीनी पक्ष से उम्मीद करते हैं कि वह असंबद्ध मुद्दों को जोड़ने की बजाए द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन करते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों के जल्द समाधान के लिये काम करेगा । ’’

उल्लेखनीय है कि 13वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता के बाद भारतीय सेना ने कहा कि उसके रचनात्मक सुझावों पर न तो चीनी पक्ष सहमत हुई और न ही वह कोई प्रगतिशील सुझाव दे पायी ।

वहीं, चीन के पश्चिमी थियेटर कमान ने कहा कि भारत अव्यवहारिक और अवास्तविक मांग पर जोर दे रहा है ।

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