नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) : भारत को वर्ष 2030 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने मौजूदा नजरिये में बदलाव करना होगा। रेटिंग एजेंसी फिच इंडिया ने शुक्रवार को यह बात कही।
प्रधानमंत्री मोदी ने सीओपी26 में घोषणा की थी कि भारत अपनी गैर-जीवाश्म ईंधन बिजली उत्पादन क्षमता को 5,00,000 मेगावॉट तक बढ़ाने के साथ अपनी ऊर्जा का 50 प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों से हासिल करेगा तथा कार्बन उत्सर्जन को एक अरब टन तक घटाएगा।
फिच सॉलूशंस ने एक नोट में कहा, ‘‘भारत वर्तमान में अपने कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ मजबूत आर्थिक वृद्धि को संतुलित करने की चुनौती का सामना कर रहा है।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘भारत को यदि अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना है, तो उसे अपने वर्तमान नजरिये में पर्याप्त रूप से परिवर्तन करना होगा। वर्तमान स्थिति के आधार पर भारत अपने जलवायु उद्देश्यों को समय पर पूरा करने से काफी पीछे रह जाएगा।’’
वर्ष 2020 तक देश के प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में कोयले, तेल और प्राकृतिक गैस का हिस्सा क्रमशः 55, 28 और सात प्रतिशत था।
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