लंदन, 22 नवंबर (भाषा) : भारत का स्वदेश निर्मित ‘कोवैक्सिन’ टीका सोमवार से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए ब्रिटेन के अनुमोदित कोविड-19 रोधी टीकों की सूची में आ गया है।
भारत के कोविड-19 रोधी इस टीके का इस्तेमाल देश में महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान में व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
इससे टीके की दोनों खुराक ले चुके उन भारतीयों को लाभ होगा जो प्रस्थान-पूर्व आरटीपीसीआर जांच कराने या अनिवार्य यात्री लोकेटर फॉर्म पर घोषित पते पर पृथकवास की अनिवार्यता के बिना इस देश की यात्रा की योजना बना रहे हैं।
कोविशील्ड सहित अन्य टीके की दोनों खुराक ले चुके यात्रियों की तरह ही ऐसे यात्रियों को अब ब्रिटेन में आगमन पर एक पीसीआर या लेटरल फ्लो टेस्ट की प्री-बुकिंग कराने की आवश्यकता होगी, जो दूसरे दिन के अंत से पहले किया जाएगा।
ब्रिटेन के परिवहन विभाग (डीएफटी) ने पुष्टि की, ‘‘सोमवार 22 नवंबर सुबह 4 बजे से, सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन उपयोग सूची (डब्ल्यूएचओ ईयूएल) में शामिल टीकों को सीमा पर मान्यता देगी।’’
उसने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप, सिनोवैक, सिनोफार्म बीजिंग और कोवैक्सीन को आगंतुक यात्रियों के लिए अनुमोदित टीके की हमारी मौजूदा सूची में जोड़ा जाएगा, जिससे टीके की दोनों खुराक ले चुके और यात्रियों को लाभ होगा।’’
इस महीने की शुरुआत में, भारत बायोटेक निर्मित कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ ईयूएल का दर्जा मिला था। इसके परिणामस्वरूप ब्रिटेन ने इसे 22 नवंबर से अनुमोदित कोविड टीकों की अपनी सूची में शामिल करने की योजना की घोषणा की।
डब्ल्यूएचओ आपातकालीन उपयोग सूची प्रक्रिया में डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों द्वारा गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता डेटा की समीक्षा शामिल है।
इस बीच, जिन यात्रियों ने कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराक नहीं लगायी है उन्हें पूर्व-प्रस्थान जांच और ब्रिटेन में पूर्व घोषित पते पर 10-दिवसीय पृथकवास से गुजरना होगा।
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