नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) अमेरिका सरकार की प्रतिभूतियों में भारत का निवेश जून में समाप्त तिमाही के दौरान 20 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़कर 220.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने के बीच अमेरिकी प्रतिभूतियों में भारत का निवेश बढ़ रहा है।
पिछले साल जून की तुलना में अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिभूतियों में भारत के निवेश में करीब 40 अरब डॉलर का उछाल आया है। पिछले साल जून के समय कोरोना वायरस महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं।
अमेरिकी वित्त विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस साल जून के अंत तक अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश के मामले में भारत 11वें स्थान पर था। वहीं जापान 1,277 अरब डॉलर के निवेश के साथ पहले स्थान पर था।
अमेरिकी प्रतिभूतियों में भारत मार्च से अपना निवेश लगातार बढ़ा रहा है। उस समय यह 200 अरब डॉलर था। अप्रैल में यह बढ़कर 208.7 अरब डॉलर और मई के अंत में बढ़कर 215.8 अरब डॉलर हो गया। फरवरी में भारत का निवेश 204.4 अरब डॉलर था, जो जनवरी के 211.6 अरब डॉलर से काफी कम है। जून, 2020 के अंत तक अमेरिकी प्रतिभूतियों में भारत का निवेश 182.7 अरब डॉलर था।
संपदा प्रबंधन कंपनी जूलियस बेयर इंडिया के प्रबंध निदेशक, वरिष्ठ सलाहकार उन्मेश कुलकर्णी ने कहा कि अमेरिकी प्रतिभूतियों में भारत का निवेश बढ़ने को देश के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी ट्रेजरी पर प्राप्तियां पिछले साल के मध्य से निचले स्तर से उबर गईं। उसके बाद से ये लगातार बढ़ी हैं। मई, 21 में इसमें गिरावट आ रही है। वहीं अप्रैल, 21 से भारतीय रिजर्व बैंक अमेरिकी प्रतिभूतियों में अपना निवेश धीरे-धीरे बढ़ा रहा है।
13 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 619.365 अरब डॉलर पर था। इससे पिछले सप्ताह में यह 621.464 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था।
भाषा अजय अजय प्रणव
प्रणव
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