न्यूयार्क,11 सितंबर (भाषा) : विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि भारत ने विश्व को ‘बौद्धिक प्रभुत्व एवं नवोन्मेषी या अग्रणी सोच वाला नेतृत्व’ दिया है। साथ ही, जोर देते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी ने यह प्रदर्शित किया है कि मानवता को भलाई में सर्वाधिक विश्वास रखने की जरूरत है।
यहां बृहस्पतिवार को भारतीय महावाणिज्य दूतावास में एक कार्यक्रम में लेखी ने कहा कि आस्था एवं आध्यात्मिकता लोगों को एकजुट करती हैं, लेकिन यदि एक अलग दिशा में चली जाए तो उन्हें विभाजित कर सकती है और उनके चरित्र को बदल सकती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग निरंतर ही विश्व में दूसरों के लिए परेशानियां पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने विश्व को विचार और बौद्धिक प्रभुत्व एवं नवोन्मेषी या अग्रणी सोच वाला नेतृत्व दिया है। कोविड-19 ने हमें यह बताया है कि मानवता को सबसे अधिक किस चीज की जरूरत है। मानवता को आस्था की सर्वाधिक और भलाई में विश्वास रखने की जरूरत है।’’
वह साध्वी भगवती सरस्वती की पुस्तक ‘‘हॉलीवुड टू हिमालयाज :ए जर्नी ऑफ हीलिंग ऐंड ट्रांसफॉरमेशन’’ के हालिया प्रकाशन पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी।
सरस्वती ने पुस्तक में कहा है कि किस तरह से आस्था की शक्ति ने उनके जीवन को बदल दिया।
इस अवसर पर आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा, ‘‘मैंने देखा है कि हमें पहुंचे नुकसान की भरपाई करने में आस्था किस तरह से एक शक्तिशाली औजार हो सकता है। और किस तरह आस्था हमें एकजुट करने तथा विभाजित करने का एक शक्तिशाली औजार हो सकता है। यह हमें चुनना है कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज, हवा में वायरस है लेकिन अपने दिलोदिमाग में वायरस नहीं आने दीजिए। हमारा धर्म हमें यह शिक्षा देता है कि हम एक परिवार है, हमारी दुनिया एक परिवार है। यह भारत की सुंदर संस्कृति है।’’
*******
हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें
सहयोग करें
POST COMMENTS (0)