• 17 November, 2024
Foreign Affairs, Geopolitics & National Security
MENU

उम्मीद है चीन पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों को जल्द हल करने की दिशा में काम करेगा : विदेश मंत्रालय


शुक्र, 15 अक्टूबर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) : भारत ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को उम्मीद जतायी कि चीन द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दों को जल्दी हल करने की दिशा में काम करेगा जिससे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का मार्ग सुगम होगा ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जो हालात बने वे यथास्थिति को बदलने के चीन के ‘एकतरफा प्रयासों’ के कारण पैदा हुए हैं ।

उन्होंने कहा कि इस बारे में भारत और चीन के बीच शीर्ष कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता 10 अक्टूबर को हुई थी और वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने शेष क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान के लिए सकारात्मक सुझाव दिए, लेकिन चीनी पक्ष उनसे सहमत नहीं था और वह आगे बढ़ने की दिशा में कोई प्रस्ताव भी नहीं दे सका।

बागची ने कहा, ‘‘ दोनों पक्षों ने संवाद जारी रखने और जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाये रखने पर सहमति व्यक्त की । यह सकारात्मक बात है। ’’

उन्होंने कहा कि यह हाल ही में दुशांबे में एक बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर की अपने चीनी समकक्ष से चर्चा के आधार पर बने मार्गदर्शन के अनुरूप होगा जहां वे इस बात पर सहमत हुए थे कि दोनों पक्षों को शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने चाहिए ।

बागची ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि चीन द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दों को जल्दी हल करने की दिशा में काम करेगा ।

उन्होंने कहा कि इससे सीमा पर अमन एवं शांति बहाली और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का मार्ग सुगम होगा ।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष पांच मई को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच हिंसक झडप के बाद सीमा गतिरोध शुरू हो गया था । इसके बाद दोनों ओर से सीमा पर सैनिकों एवं भारी हथियारों की तैनाती की गई थी ।

गतिरोध को दूर करने को लेकर दोनों देशों के बीच राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई वार्ताएं भी हो चुकी हैं। दोनों पक्षों ने पिछले महीने गोरा क्षेत्र से पीछे हटने का काम पूरा कर लिया लेकिन कुछ स्थानों पर अभी गतिरोध बरकरार है।

दोनों पक्षों की ओर से अभी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।

वहीं, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की हाल की अरूणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन की आपत्ति के बारे में एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दोहराया कि हम ऐसे बयानों को खारिज करते हैं और अरूणाचल प्रदेश भारत का अटूट और अविभाज्य हिस्सा है । ’’

बागची ने कहा, ‘‘ भारतीय नेता नियमित रूप से अरूणाचल प्रदेश की यात्रा करते हैं जिस प्रकार वे भारत के अन्य राज्यों में जाते हैं ।’’

उन्होंने कहा कि भारत के एक राज्य की भारतीय नेताओं द्वारा यात्रा पर आपत्ति करने का कोई कारण भारतीयों को समझ नहीं आ रहा ।

गौरतलब है कि चीन, अरूणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है और वहां भारतीय नेताओं की यात्रा पर आपत्ति व्यक्त करता है।

**********




चाणक्य फोरम आपके लिए प्रस्तुत है। हमारे चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें (@ChanakyaForum) और नई सूचनाओं और लेखों से अपडेट रहें।

जरूरी

हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें

सहयोग करें
Or
9289230333
Or

POST COMMENTS (0)

Leave a Comment

प्रदर्शित लेख