लंदन, 11 नवंबर (भाषा) : भारत ने ग्लासगो में सीओपी26 शिखर सम्मेलन में शून्य उत्सर्जन लक्ष्य के हिस्से के रूप में अन्य वाहनों के साथ-साथ दोपहिया और तिपहिया वाहनों से संबंधित उत्सर्जन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
बुधवार को जारी ‘सीओपी26’ घोषणापत्र के उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के खंड के तहत, 100 प्रतिशत शून्य उत्सर्जन कारों और वैन को अपनाने में तेजी लाने के वास्ते भारत ने स्वच्छ परिवहन के लिए सड़क पर सभी प्रकार के वाहनों पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व को चिह्नित किया।
भारत सरकार की ओर से नीति आयोग ने गैर-बाध्यकारी सीओपी26 घोषणा को अपना समर्थन दिया, जो शून्य-उत्सर्जन वाहनों को अपनाने के लिये वैश्विक स्तर पर तेजी लाए जाने पर केंद्रित है।
घोषणा पर भारत की निविष्टि में कहा गया, “दोपहिया और तिपहिया वाहनों की वैश्विक बिक्री में हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक जबकि भारत में 80 प्रतिशत से अधिक है। सभी सरकारों को भी इन हल्के वाहनों को शून्य उत्सर्जन वाहनों में बदलने का समर्थन करना चाहिए।”
संकल्प-पत्र के हस्ताक्षरकर्ताओं ने सभी विकसित देशों से अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समर्थन को मजबूत करने का आह्वान किया ताकि एक वैश्विक, न्यायसंगत और न्यायपूर्ण बदलाव को महसूस किया जा सके।
बुधवार को, भारत ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर ई-अमृत पोर्टल शुरू करने के साथ परिवहन दिवस मनाया। ई-अमृत पोर्टल इलेक्ट्रिक वाहनों से संबंधित सभी सूचनाओं के लिये एकल गंतव्य बिंदु है।
सीओपी26 शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष के तौर पर ब्रिटेन ने घोषणा की कि वह दुनिया का पहला देश होगा जो 2035 पर 26 टन या उससे कम वजन के भारी मालवाहक वाहनों को चरणबद्ध तरीके से शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों से चरणबद्ध रूप से प्रतिस्थापित करने का संकल्प व्यक्त करता है और 2040 तक सभी वाहनों को बदलने का लक्ष्य रखता है।
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