नयी दिल्ली, दो अक्टूबर (भाषा) : भारत और कोलंबिया ने जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में संभावित वैज्ञानिक सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। कोलंबिया ने टीकों, बायोसिमिलर और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में गठजोड़ की इच्छा जाहिर की है।
कोलंबिया की उपराष्ट्रपति एवं विदेश मंत्री मार्ता लूसिया रामिरेज़ डी रिनकॉन के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय कोलंबियाई प्रतिनिधिमंडल ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग का दौरा किया और इसकी सचिव रेणु स्वरूप के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की।
स्वास्थ्य और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्रों को साझा हित के प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र बताते हुए रिनकॉन ने कहा कि वह एक स्थायी जैव प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में सहयोग को लेकर आशान्वित हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में वैज्ञानिक सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर विचारों का परस्पर आदान-प्रदान हुआ।
मंत्रालय ने कहा, “सहयोग को औपचारिक रूप देने के लिए, भारतीय पक्ष में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और कोलंबियाई पक्ष में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्रालय के बीच एक आशय पत्र कार्यान्वित करने का प्रस्ताव है।”
कोलंबिया के स्वास्थ्य एवं सामाजिक संरक्षण मंत्री फर्नांडो रुइज गोमेज ने टीकों, बायोसिमिलर और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्रों में सहयोग की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि भारत वैश्विक टीका निर्माण केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है।
स्वरूप ने उम्मीद व्यक्त की कि इस दौरे से द्विपक्षीय भागीदारी को पारस्परिक वैज्ञानिक हित के क्षेत्रों में अगले स्तर तक ले जाया जा सकता है।
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