नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) : विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने शनिवार को कहा कि भारत- बांग्लादेश संबंध किसी अन्य सामरिक गठबंधन से अधिक मजबूत हैं तथा दोनों पड़ोसी देशों के रिश्ते ‘आदर्श’ हैं ।
‘1971 के युद्ध के मानवीय, राजनीतिक और राजनयिक आयामों पर स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह 2021’ को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने युद्ध में भारतीय वायुसेना की भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि उसने मुक्ति वाहिनी के वीरतापूर्ण संघर्ष को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भमिका निभायी ।
श्रृंगला ने कहा कि ढाका के ऊपर भारतीय वायुसेना के पयलटों की बहादुरी के कार्यो के बारे में अनेक कहानियां सुनी हैं और इसने अपनी छत से इन घटनाओं को देख रहे बांग्लादेश के लोगों को काफी प्रेरित किया ।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 1971 का युद्ध भारत के लिये जितनी बड़ी नैतिक एवं राजनीतिक विजयी थी, उतनी बड़ी निर्णायक सैन्य जीत थी ।
विदेश सचिव ने कहा, ‘‘ हम उच्च नैतिक मानदंडों पर खरा उतरे और इतिहास ने हमें सही साबित किया क्योंकि बांग्लादेश के लोगों ने अपने आत्म सम्मान और सम्मान की रक्षा की तथा अपनी स्वतंत्रता एवं मानवाधिकारों की लड़ाई जीती । ’’
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हाल के इतिहास में पहले कभी भी मानवता ने इस तरह ‘सोचा समझा नरसंहार ’ नहीं देखा था। उनका इशारा तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के लोगों पर पाकिस्तान द्वारा किये गए अत्याचार से था ।
उन्होंने कहा, ‘‘ आपरेशन सर्चलाइट पर मैं समझता हूं कि इस पर समसामयिक शोध और ध्यान देने की जरूरत है । ’’
उन्होंने कहा कि उस समय शरणार्थियों को लेकर भारत की मानवीय प्रतिक्रिया समसामयिक इतिहास में काफी सुनियोजित एवं सहानुभूतिपूर्ण थी ।
उन्होंने कहा कि अगर आज के मानवाधिकारों एवं अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के संदर्भ में इसे देखें तो इसके अपराधियों का अलग ही अंजाम होता ।
विदेश सचिव ने कहा कि विस्थापित लोगों को समर्थन देने का पूरा भार भारत के लोगों और सरकार पर आ गया । आतंरिक रूप से हम इस मुद्दे से अच्छे तरीके से निपटे तो दूसरी ओर भारतीय राजनयिक विभिन्न देशों की राजधानियों में पूर्वी बंगाल के लोगों की स्थिति को रेखांकित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कई देश बांग्लादेश के लोगों के लिये आगे आए और इसके बाद 3 दिसंबर 1971 के युद्ध की स्थिति भी सामने आई ।
उन्होंने कहा कि आज के समय में भारत बांग्लादेश के संबंध व्यापक ऊंचाइयों को छू रहे हैं और खास तौर पर हाल के वर्षो में । इस संदर्भ में भारतीय कूटनीति की पड़ोस प्रथम और एक्ट ईस्ट नीति महत्वपूर्ण रही ।
श्रृंगला ने कहा कि भारत, बांग्लादेश की सामाजिक, आर्थिक वृद्धि एवं विकास में सहयोगी बनने को प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत- बांग्लादेश संबंध किसी अन्य सामरिक गठबंधन से अधिक मजबूत हैं तथा दोनों पड़ोसी देशों के रिश्ते ‘आदर्श’ हैं । ’’
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