वाशिंगटन, 25 सितंबर (भाषा) : म्यामां में तख्तापलट के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अमेरिका और भारत ने वहां लोकतंत्र की जल्द बहाली, हिंसा का इस्तेमाल बंद करने एवं सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आह्वान किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच व्हाइट हाउस में शुक्रवार को हुई पहली प्रत्यक्ष द्विपक्षीय बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों नेताओं ने म्यामां को लेकर आसियान की आम सहमति से तैयार पांच सूत्री व्यवस्था को अविलंब लागू करने का भी आह्वान किया।
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘दोनों नेताओं ने म्यामां में लोकतंत्र की जल्द बहाली, हिंसा का इस्तेमाल बंद करने और सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आह्वान किया है।’’
बाइडन और मोदी ने म्यामां के संबंध में आसियान द्वारा आम सहमति से तैयार की गई पांच सूत्री व्यवस्था को अविलंब लागू करने का भी आह्वान किया।
गौरतलब है कि म्यामां में सेना ने गत एक फरवरी को आंग सान सू ची के नेतृत्व वाली पार्टी की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था और आपातकाल की घोषणा कर दी थी। एक अनुमान के अनुसार, सू ची सहित 3,400 लोगों को वहां की सैन्य सरकार ने हिरासत में ले रखा है।
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) ने पिछले महीने आम सहमति से पांच सूत्री व्यवस्था तैयार की थी जिसमें कहा गया है कि म्यामां में तत्काल हिंसा रोकी जाए और सभी पक्ष पूरा संयम बरतें। इसमें कहा गया है कि सभी पक्ष लोगों के हित में शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए रचनात्मक चर्चा करें।
इस पांच सूत्री व्यवस्था में कहा गया है कि आसियान पीठ के विशेष दूत वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए मध्यस्थता करेंगे जिसमें आसियान के महासचिव सहायता करेंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि आसियान मानवीय सहायता पहुंचाएगा जिसमें संघ के मानवीय सहायता संबंधी आपदा प्रबंधन समन्वय केंद्र की मदद ली जाएगी और इसके साथ ही सभी संबंधित पक्षों से मुलाकात के लिए विशेष दूत एवं शिष्टमंडल म्यामां जाएगा।
भारत पूर्व में म्यामां में हिंसा की निंदा कर चुका है और इसने वहां जान-माल के नुकसान पर दुख भी प्रकट किया था। इसने सभी पक्षों से संयम बरतने और हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने को कहा था।
नयी दिल्ली ने म्यामां की स्थिति का शांतिपूर्ण ढंग से समाधान निकालने और लोकतंत्र बहाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी रेखांकित की थी।
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