नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) : भारत और फ्रांस ने महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए खुफिया एवं सूचना साझेदारी, आपसी क्षमताओं को, सैन्य अभ्यास को बढ़ाकर और समुद्री, अंतरिक्ष तथा साइबर क्षेत्र में नई पहल करके रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति जताई है।
दोनों देशों ने शुक्रवार को पेरिस में भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता की एक बैठक में रक्षा संबंधों का विस्तार करने का संकल्प लिया। वार्ता की सह-अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोन ने की थी।
पेरिस में भारतीय दूतावास ने कहा कि फ्रांस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और रक्षा औद्योगिकीकरण, उन्नत क्षमताओं वाले कई क्षेत्र में संयुक्त शोध एवं प्रौद्योगिकी विकास के नजरिए को पूर्ण समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।
भारत के साथ रणनीतिक सहयोग का विस्तार करने का फ्रांस का संकल्प ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा एक नए सुरक्षा गठबंधन (ऑकस) के अनावरण के लगभग दो महीने बाद आया है। इस गठबंधन की घोषणा ने फ्रांसीसी सरकार को नाराज कर दिया था।
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई डोभाल ने जबकि फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई बोन ने की। फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल में फ्रांसीसी राष्ट्रपति के मुख्य सैन्य सलाहकार एडमिरल जीन-फिलिप रोलैंड शामिल थे।
दूतावास ने एक बयान में कहा कि डोभाल ने विदेश मंत्री जीन-यवेस ले द्रियां और सशस्त्र बल मंत्री फ्लोरेंस पार्ली से भी मुलाकात की।
इसमें कहा गया कि दोनों पक्षों ने वैश्विक सुरक्षा वातावरण पर चर्चा की, जिसमें हिंद-प्रशांत में वर्तमान घटनाक्रम और दीर्घकालिक चुनौतियां, अफगानिस्तान, अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया की स्थिति, आतंकवाद की निरंतर चुनौती और समुद्री, साइबर तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में अन्य उभरते खतरों पर चर्चा की।
दूतावास ने कहा कि इस बात पर सहमति बनी है कि वैश्विक मामलों में उभरते चलन भारत और फ्रांस के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य संयुक्त राष्ट्र मंचों सहित अन्य मंचों पर घनिष्ठ साझेदारी की आवश्यकता को सुदृढ़ करते हैं।
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