नयी दिल्ली, 6 अक्तूबर (भाषा) : अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने बुधवार को कहा कि भारत की सुरक्षा चिंताएं अमेरिका के लिये ‘प्रथम और सर्वोपरि’ तथा ‘अग्रिम एवं केंद्रीय’ है । उनकी यह टिप्पणी अफगानिस्तान से आतंकी गतिविधियां फैलने को लेकर भारत की चिंताओं के बीच आई है।
भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आईं अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन ने विदेश सचिव हर्ष वर्द्धन श्रृंगला तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ चर्चा की ।
शरमन ने कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर अमेरिका और भारत की एक समान सोच एवं दृष्टिकोण है ।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से आतंकवाद के फैलने के बारे में भारत की चिंताओं को अमेरिका समझता है।
शरमन ने कुछ संवाददाताओं को बताया कि अमेरिका निकट भविष्य (ओवर-द-हॉरिजन) को लेकर अफगानिस्तान की क्षमता संबंधी ठोस कार्यक्रम तैयार कर रहा है। हालांकि उन्होंने इसके बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया ।
अमेरिका की उप विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में आगे बढ़ने के रास्तों को लेकर भारत और अमेरिका का समान दृष्टिकोण है जिसमें तालिबान द्वारा समावेशी सरकार सुनिश्चित करना और अफगानिस्तान का आतंकवाद का पनाहगाह नहीं बनना शामिल है।
उन्होंने अफगानिस्तान छोड़ने को इच्छुक लोगों के लिये सुरक्षित एवं व्यवस्थित यात्रा सुनिश्चित किये जाने पर जोर दिया तथा मानवाधिकारों का सम्मान करना सुनिश्चित करने का आह्वान किया ।
अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने कहा कि तालिबान सिर्फ बातें नहीं करे, उचित कार्य करे तथा कोई भी देश तालिबान को वैधता प्रदान करने या मान्यता देने की जल्दी में नहीं है
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों को मदद की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारत एवं अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के संबंध में जल्द ही बातचीत करेंगे।
इससे पहले, शरमन और श्रृंगला के बीच बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘ दोनों ने अफगानिस्तान में उभरती स्थिति तथा खुले, मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत सहित क्वाड के तहत सतत सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की । ’’
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने कोविड-19 से लेकर विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों, सुरक्षा एवं रक्षा, आर्थिक, जलवायु, स्वच्छ ऊर्जा तथा लोगों के बीच सम्पर्क आदि की समीक्षा की ।
बागची ने कहा कि विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने अमेरिका की उप विदेश मंत्री के साथ वैश्चिक बेहतरी के लिये सामरिक गठजोड़ को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा की जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन की सोच पर आधारित रही ।
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