नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) : टीकाकरण कराए होने के बावजूद सोमवार से भारत आने वाले ब्रिटिश नागरिकों को 10 दिन तक पृथक-वास में रहना होगा। अंतरराष्ट्रीय यात्रा को लेकर भारतीयों के लिए ब्रिटेन के इसी तरह के कदम के जवाब में भारत ने यह कदम उठाया है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने देश आने वाले आने ब्रिटिश नागरिकों के खिलाफ जवाबी कदम उठाया है क्योंकि ब्रिटेन द्वारा भारतीय टीका प्रमाणपत्रों को मान्यता नहीं देने से संबंधित मुद्दे को तकनीकी स्तर की वार्ता की बावजूद हल नहीं किया जा सका है।
भारत के इस जवाबी कदम पर ब्रिटेन की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। नए ब्रिटिश यात्रा नियमों पर पर कड़ी प्रतिक्रिया में, भारत ने 19 सितंबर को जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी थी, जब तक कि ब्रिटेन भारतीयों के खिलाफ इन मानदंडों को पर उसकी चिंताओं को दूर नहीं करता।
भारत के नए नियमों के मुताबिक ब्रिटेन के नागरिकों को यात्रा से 72 पहले तक की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट दिखानी होगी चाहे उन्होंने टीकाकरण करावाया है या नहीं। आगमन के बाद भी ब्रिटिश नागरिकों को दो बार कोविड-19 संबंधी आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। आगमन पर जांच कराने के अलावा आठवें दिन फिर से आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी।
सूत्रों ने बताया कि भारत आने वाले सभी ब्रिटिश नागरिकों को आगमन के बाद 10 दिनों के लिए घर पर या गंतव्य स्थल पर 10 दिन तक जरूरी पृथक-वास में रहना होगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और नागर विमानन मंत्रालय नए उपायों को लागू करने के लिए कदम उठाएंगे।
भारत के लिए वर्तमान यात्रा नियमों के अनुसार ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के मामले में यात्रियों को विमान में सवार होने की अनुमति देने से पहले विमान कंपनियों को आरटी-पीसीआर जांच की ‘नेगेटिव रिपोर्ट’ सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। भारतीय हवाई अड्डा पहुंचने पर उन्हें जांच के लिए नमूने देने की जरूरत होती है। संक्रमित पाए जाने पर उन्हें पृथक-वास में भेजा जाता है और उपचार किया जाता है। संक्रमित नहीं होने पर सात दिनों के लिए घर पर पृथक-वास में रहना होता है और फिर से जांच कराने की जरूरत होती है।
ब्रिटेन का का नया नियम भी सोमवार से प्रभावी होने जा रहा है। इसके तहत पूरी तरह टीकाकरण करा चुके भारतीय को 10 दिन पृथक-वास में रहना होगा क्योंकि भारत के कोविड-19 टीका प्रमाणपत्र के संबंध में बिटेन को कुछ आपत्ति है।
ब्रिटेन ने शुरुआत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित कोविशील्ड को मान्यता देने से इनकार कर दिया था। हालांकि भारत की तीखी प्रतिक्रिया के बाद ब्रिटेन ने 22 सितंबर को अपने नए दिशा-निर्देश में बदलाव किया और इस टीके को शामिल कर लिया। हालांकि कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके भारतीयों को पृथक-वास नियमों से कोई राहत नहीं दी गई। बाद में ब्रिटेन के अधिकारियों ने कहा कि ब्रिटेन को भारत की टीका प्रमाणपत्र प्रक्रिया से कुछ आपत्ति है ना कि कोविशील्ड टीके से। टीका प्रमाणन मुद्दे को हल करने के लिए दोनों पक्षों ने कई दौर की तकनीकी स्तर की वार्ता की लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है।
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