नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) : भारत ने मंगलवार को कहा कि वह खुले, मुक्त एवं समावेशी तथा कानून आधारित हिन्द प्रशांत क्षेत्र का पक्षधर है, जहां क्षेत्र के सभी देशों की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) रीवा गांगुली दास ने कहा कि नौवहन सुरक्षा को लेकर समग्र रुख वैध गतिविधियों को सुरक्षा एवं समर्थन प्रदान करेगा, साथ ही पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक खतरों का मुकाबला भी करेगा।
दास नौवहन सुरक्षा सहयोग पर 5वीं पूर्व एशिया शिखर बैठक को संबोधित कर रही थीं।
पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) समूह में भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, रूस सहित आसियान के 10 सदस्य देश शामिल हैं ।
दास ने कहा, ‘‘ भारत खुले, मुक्त एवं समावेशी तथा कानून आधारित हिन्द प्रशांत क्षेत्र का पक्षधर है, जहां क्षेत्र के सभी देशों की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो, शांतिपूर्ण ढंग से विवादों का निपटारा हो, बल प्रयोग से बचा जाए और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन किया जाए।’’
उन्होंने कहा कि भारत की हिन्द प्रशांत पहल (आईपीओआई) इसी सोच पर आधारित है और यह मुक्त एवं बिना कोई संधि के आगे बढ़ाने वाली पहल है और इसमें किसी संस्थागत ढांचे के सृजन की बात नहीं कही गई है।
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