दुबई, 26 अक्टूबर (एपी) : पूरे ईरान के ईंधन बिक्री केंद्र (पेट्रोल पंप) पर मंगलवार को उस समय काम ठप हो गया, जब ईंधन सब्सिडी की प्रणाली को नियंत्रित करने वाले सॉफ्टवेयर में खराबी आ गई और बिक्री रोकनी पड़ी। ईरान की अर्द्धसरकारी समाचार एजेंसी ने इसे साइबर हमला करार दिया है।
ईरान के सरकारी टेलीविजन ने कुछ तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें तेहरान के ईंधन बिक्री केंद्रों पर कारों को अपनी बारी के लिए कतार में खड़े हुए देखा जा सकता है।
सरकारी टीवी ने हालांकि, इसकी वजह नहीं बताई है लेकिन कहा कि तेल मंत्रालय के अधिकारी ‘‘ तकनीकी समस्या का समाधान निकालने के लिए आपात बैठक कर रहे हैं।’’
अर्द्ध सरकारी समाचार एजेंसी आईएसएनए ने घटना को साइबर हमला करार देते हुए कहा कि उसने देखा कि जो लोग सरकार द्वारा जारी कार्ड से ईंधन खरीदने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें ‘साइबर हमला 64411’ का संदेश मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि ईरान की अधिकतर जनता अपने वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए सब्सिडी पर आश्रित है, खासतौर पर देश की खराब होती अर्थव्यवस्था की वजह से।
आईएसएनए ने यह नहीं बताया कि संदेश में दिख रहा नंबर किससे जुड़ा है। हालांकि, यह नंबर ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई के कार्यालय के हॉटलाइन से संबंधित है, जिसके जरिये वह इस्लामिक कानूनों के सवालों का जवाब देते हैं। बाद में आईएसएनए ने इस खबर को हटा दिया।
इस घटना की अबतक किसी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, ‘‘64411’’संख्या जुलाई में ईरान की रेल रोड प्रणाली पर हुए हमले को प्रतिबिंबित करती है। उस समय भी यह संख्या दिखाई दी थी। बाद में इजराइली साइबर सुरक्षा कंपनी चेक प्वाइंट ने बताया था कि ईरान की रेल प्रणाली पर हैकरों के एक समूह ने हमला किया था, जो स्वयं को हिंदू देवता के नाम पर ‘इंद्र’ कहते हैं।
इससे पहले ‘इंद्र’ नाम के इस समूह ने सीरिया की कंपनियों को भी निशाना बनाया था, जहां ईरान के हस्तक्षेप से राष्ट्रपति पद पर बशर असद बने हुए हैं।
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