बमाको (माली), 15 दिसंबर (एपी) : फ्रांस की सेना मंगलवार रात माली के टिम्बकटू शहर से रवाना हो गई। यह इस बात का संकेत है कि इस्लामी चरमपंथियों को खदेड़ने के लगभग नौ साल बाद पूर्व औपनिवेशिक शक्ति उत्तरी माली में अपनी मौजूदगी कम कर रही है।
इस कदम के बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या माली की सेना खुद कार्रवाई कर चरमपंथियों को रोक पाने में सक्षम है। चरमपंथियों ने 2013 के हमले के बाद से खुद को मजबूत किया है और दक्षिण में अपनी पहुंच को बढ़ाया है।
फ्रांस की सेना ने मंगलवार रात एक विज्ञप्ति में इस बात पर जोर दिया कि माली की सेना की ‘‘टिम्बकटू में अच्छी पकड़ है’’, इसके अतिरिक्त वहां संयुक्त राष्ट्र के करीब 2200 शांतिरक्षक भी स्थायी रूप से तैनात हैं।
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