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विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी से मुलाकात की


गुरु, 09 सितम्बर 2021   |   < 1 मिनट में पढ़ें

नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पात्रुशेव से अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर ‘उपयोगी चर्चा’ की ।

पात्रुशेव ने जयशंकर से मुलाकात करने से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से भेंट की और तालिबान शासित अफगानिस्तान से पैदा होने वाले किसी भी संभावित सुरक्षा खतरे का मुकाबला करने के संबंध में बातचीत की।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पात्रुशेव से मिलकर प्रसन्न हूं । अफगानिस्तान पर काफी उपयोगी चर्चा हुई । ’’

24 अगस्त को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच टेलीफोन पर हुयी बातचीत के मद्देनजर अगले कदम के तौर पर दो दिवसीय यात्रा पर पात्रुशेव मंगलवार को यहां आए ।

जयशंकर एवं पात्रुशेव की बैठक के बारे में रूस के बयान में कहा गया है कि, ‘‘ भारत रूस द्विपक्षीय सहयोग को लेकर व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई । अफगानिस्तान की स्थिति सहित कई अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय समस्याओं के बारे में विचारों का आदान प्रदान हुआ । ’’

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के मद्देनजर इस देश की स्थिति को लेकर भारत सभी प्रमुख देशों के सम्पर्क में है। काबुल पर कब्जे के तीन सप्ताह बाद तालिबान ने मंगलवार को मोहम्मद हसन अखुंद के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की रूपरेखा पेश की थी ।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 अगस्त को अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर बातचीत की थी और कहा था कि दोनों देशों के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है।

विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि पात्रुशेव अफगानिस्तान पर उच्चस्तरीय भारत-रूस अंतर-सरकारी विमर्श के लिए डोभाल के निमंत्रण पर भारत की यात्रा कर रहे हैं।

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POST COMMENTS (2)

Sankalp Bhatt

सितम्बर 09, 2021
क्या हम अब ये स्वीकार करना चाहिए की हमें पुरे विश्व की चिंता से ऊपर हमें सिर्फ अपनी निकट सामस्या को ध्यान मे रखते हुए अपनी नीति को थोड़ा पूनरगठन करना चाहिए. क्या हमे अमेरिका से दोस्ती मे सिर्फ अमेरिका का ही लाभ औऱ हित गोचर नहीं हो रहा, कही हम अपने पुराने औऱ आजमाया साथी रूस से जितनी जरूरत है उतनी नज़दीकी मे कमी तो नहीं कर रहे.?

dinesh kumar siनgh

सितम्बर 09, 2021
वैश्विक आतंकी संगठनों के समूह से मिलकर बने अफगानिस्तान में तालिबान आंतकी सदस्यों की सरकार को मान्यता देना विश्व मे अशांति फैलाने का मजबूत नीव निर्माण करने जैसा होगा ।।

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