वारसा, 11 नवंबर (एपी) : यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने बेलारूस पर हताश शरणार्थियों को प्रलोभन दे कर पोलैंड की सीमा तक लाने और सरकार प्रायोजित ‘‘मानव तस्करी” करने का आरोप लगाया है। इनमें से कई लोग अब कड़कड़ाती ठंड में अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।
यूरोपीय संघ के एक नेता ने बुधवार को यह भी कहा कि संघ पहली बार अपनी पूर्वी सीमा पर कोई दीवार या किसी अन्य अवरोध के निर्माण के लिए धन देने पर विचार कर रहा है।
पोलिश अधिकारियों का अनुमान है कि लगभग 3,000-4,000 शरणार्थी बेलारूस से लगी उसकी सीमा पर एकत्र हुए हैं। उनमें से सैकड़ों लोग कुज़्निका क्रॉसिंग के पास एक अस्थायी शिविर में हैं। वारसा ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ाकर आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है।
पोलिश अधिकारियों ने शरणार्थियों का वीडियो ट्वीट किया है, जिनमें से कुछ ने फावड़ों और तार कटर का उपयोग करते हुए, पोलैंड में प्रवेश करने के लिए सीमा पर एक बाड़ को तोड़ने की कोशिश की।
पश्चिमी देशों ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र लुकाशेंको पर मध्य पूर्व शरणार्थियों को अपने देश आने के लिए प्रलोभन देने और उन्हें यूरोपीय संघ के सदस्यों पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया की ओर भेजने का आरोप लगाया है।
बेलारूस ने आरोपों से इनकार किया है, लेकिन कहा है कि वह अब शरणार्थियों और अन्य लोगों को यूरोपीय संघ में प्रवेश करने से नहीं रोकेगा।
पोलैंड के प्रधानमंत्री मेत्वेज मोरावीकि ने कहा, ”दूर से, पोलिश-बेलारूस सीमा पर ये घटनाएं प्रवासी संकट की तरह लग सकती हैं, लेकिन यह शरणार्थी संकट नहीं है, यह यूरोपीय संघ में स्थिति को अस्थिर करने के विशेष उद्देश्य से उत्पन्न एक राजनीतिक संकट है।”
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के प्रवक्ता स्टीफन सीबर्ट ने बर्लिन में कहा कि मिन्स्क ”सरकार द्वारा संचालित तस्करी में लिप्त है …ऐसा 100 प्रतिशत उन लोगों की कीमत पर हो रहा है जिन्हें झूठे वादों के साथ देश में लाया जाता है।”
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