नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान पर बहुत निश्चित रुख अपनाना मुश्किल है क्योंकि वहां अब भी स्थिति का स्पष्ट होना जारी है तथा कुछ ज्वलंत मुद्दे भी हैं, जैसे कि क्या काबुल में एक समावेशी सरकार होगी और क्या अफगान भू-भाग का इस्तेमाल किसी अन्य देश में आतंकवाद के लिए नहीं किया जाएगा।
इंडिया टुडे कॉनक्लेव के एक परिचर्चा सत्र में जब कश्मीर में लक्षित हत्याओं का जिक्र किया गया और यह सवाल किया गया कि क्या भारत की आंतरिक स्थिति पर अफगानिस्तान के घटनाक्रमों का असर पड़ेगा, जयशंकर ने कहा कि वह बगैर किसी साक्ष्य के अफगानिस्तान से इसका कुछ संबंध जोड़ना नहीं चाहेंगे।
पाकिस्तान के साथ वार्ता बहाल होने की संभावना के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि संभावना अच्छी नहीं नजर आ रही है और विश्व में ऐसी कोई और स्थिति नहीं है जहां एक देश पड़ोसियों के खिलाफ इस कदर आतंकवाद का इस्तेमाल करता हो।
उन्होंने कहा, ‘‘…आप कब पाकिस्तान को एक सामान्य देश बनता देखेंगे। मेरे लिए, एक सामान्य देश ऐसा देश है जो अपने पड़ोसियों के खिलाफ आतंकवाद प्रायोजित नहीं करे। अभी (वार्ता बहाल होने की) संभावना अच्छी नजर नहीं आ रही। ’’
अफगानिस्तान के भू-भाग से संचालित विभिन्न आतंकी समूहों को इस्लामाबाद के समर्थन के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ उसमें पाकिस्तान की भूमिका किसी से छिपी हुई नहीं है और यह अब जगजाहिर है।
अफगानिस्तान में पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी के अपने मंसूबे में सफल रहने की बढ़ती धारणा और काबुल में जो कुछ हुआ वह भारत के लिए एक रणनीतिक झटका था, इस पर, जयशंकर ने कहा कि स्थिति जो कुछ भी हो नयी दिल्ली को उससे निपटना होगा।
******************
हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें
सहयोग करें
POST COMMENTS (0)