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भारत यात्रा पर आएंगी डेनमार्क की प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन : हरित गठजोड़, डेवी का मुद्दा एजेंडे में


शुक्र, 08 अक्टूबर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

नयी दिल्ली, सात अक्तूबर (भाषा) : डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन नौ अक्टूबर से शुरू होने वाली तीन दिवसीय भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘हरित सामरिक गठजोड़’ के क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा करने के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर चर्चा करेंगी ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को सप्ताहिक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी ।

उन्होंने बताया कि उनकी (डेनमार्क की प्रधानमंत्री) इस यात्रा के दौरान चर्चा के एजेंडे में किम डेवी के प्रत्यर्पण से जुड़ा मुद्दा भी है ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया था कि क्या द्विपक्षीय वार्ता के दौरान डेममार्क के नागरिक किम डेवी के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया जायेगा जो वर्ष 1995 में पश्चिम बंगाल के पुरूलिया में विमान से हथियार गिराने के मामले में वांछित है।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह एजेंडा में है । हमने अतीत में इस विषय को उठाया है। हमारा इस पर ध्यान है। ’’’

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन 9 से 11 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आ रही हैं । इस दौरान वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट करेंगी । प्रेडरिक्सन अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता करेंगी ।

बागची ने कहा कि भारत और डेनमार्क के द्विपक्षीय संबंधों में नियमित तौर पर उच्चस्तरीय आदान- प्रदान होते रहते हैं और ये ऐतिहासिक संबंधों, साझा लोकतांत्रिक परंपराओं और क्षेत्र के लिये साझा विचारों के साथ अंतरराष्ट्रीय शांति एवं स्थिरता पर आधारित है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस यात्रा (डेनमार्क की प्रधानमंत्री) से भारत और डेनमार्क के करीबी एवं दोस्ताना संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले 28 सितंबर 2020 को डिजिटल माध्यम से हुए शिखर बैठक में भारत और डेनमार्क ने ‘‘हरित सामरिक गठजोड़’’ स्थापित किया था । दोनों पक्ष आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय और बहुस्तरीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे ।’’

उन्होंने कहा कि भारत और डेनमार्क के मजबूत कारोबारी एवं निवेश संबंध हैं । भारत में डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां मौजूद हैं, जबकि डेनमार्क में 60 से अधिक भारतीय कंपनियां हैं ।

बागची ने कहा कि दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जल एवं कचरा प्रबंधन, कृषि एवं पशुपालन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, डिजिटकलीकरण, स्मार्ट सिटी, पोत क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है।

उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण उच्च स्तीय यात्रा है और सरकार इसे काफी महत्व दे रही है ।

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