• 23 December, 2024
Foreign Affairs, Geopolitics & National Security
MENU

आतंकवाद का राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल करने वाले देशों को भी इससे समान रूप से बड़ा खतरा:मोदी


रवि, 26 सितम्बर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

संयुक्त राष्ट्र, 25 सितंबर (भाषा) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कहा कि ‘प्रतिगामी सोच’ वाले जो देश आतंकवाद का ‘राजनीतिक औजार’ के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें अवश्य समझना चाहिए कि उनके लिए भी यह ‘‘समान रूप से एक बड़ा खतरा’’ है।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के पड़ोसी देश अक्सर ही उस पर आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करने का आरोप लगाते हैं।

यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि कोई भी देश अफगानिस्तान की नाजुक स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश नहीं करे और अपने स्वार्थ के लिए उसका इस्तेमाल नहीं करे।

उन्होंने कहा, ‘‘आज, विश्व प्रतिगामी सोच के बढ़ते खतरे और चरमपंथ का सामना कर रहा है। ऐसी स्थिति में पूरे विश्व को विकास के लिए विज्ञान आधारित, तार्किक और प्रगतिशील सोच को आधार बनाना चाहिए। विज्ञान आधारित दृष्टिकोण को मजबूत करने के लिए भारत अनुभव आधारित ‘लर्निंग’ को बढ़ावा दे रहा है।’’

मोदी ने संभवत: पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘वहीं दूसरी ओर, प्रतिगामी सोच वाले जो देश आतंकवाद का इस्तेमाल एक राजनीतिक औजार के रूप में कर रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी समान रूप से बड़ा खतरा है।’’

पाकिस्तान के पड़ोसी, अफगानिस्तान की पूर्ववर्ती सरकार सहित भारत, और अमेरिका ने लंबे समय तक इस्लामाबाद पर आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करने और आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है।

मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि अफगानिस्तान के भू-भाग का इस्तेमाल आतंकवाद का प्रसार करने और आतंकवादी हमलों के लिए नहीं हो।

पाकिस्तान, विशेष रूप से इसकी खुफिया एजेंसियों के अफगान तालिबान और उसके दुर्दांत धड़े हक्कानी नेटवर्क से करीबी संबंध है। तालिबान ने पिछले महीने काबुल पर कब्जा कर लिया था। हक्कानी नेटवर्क काबुल में 2008 में भारतीय मिशन पर हुए हमलों का भी आरोपी है।

हक्कानी नेटवर्क के चार शीर्ष नेता अंतरिम तालिबान सरकार में अहम पदों पर हैं। उसमें कम से कम 14 ऐसे कैबिनेट सदस्य हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने काली सूची में डाल रखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व को युद्ध प्रभावित देश अफगानिस्तान में लोगों की मदद करने के अपने कर्तव्य को अवश्य पूरा करना चाहिए, जहां महिलाओं, बच्चे और अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है।

**************




चाणक्य फोरम आपके लिए प्रस्तुत है। हमारे चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें (@ChanakyaForum) और नई सूचनाओं और लेखों से अपडेट रहें।

जरूरी

हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें

सहयोग करें
Or
9289230333
Or

POST COMMENTS (0)

Leave a Comment

प्रदर्शित लेख