संयुक्त राष्ट्र, 20 नवंबर (एपी) : संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा प्रमुख ज्यां पियरे लैक्रोइ ने कहा कि मौजूदा समय में संघर्ष अधिक जटिल हो गए हैं और वे जातीय तनाव एवं संगठित अपराध से लेकर संसाधनों के अवैध दोहन और आतंकवाद तक कई कारकों से प्रभावित होते हैं, जिसके कारण 66,000 से अधिक संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक पहले से अधिक खतरों का सामना कर रहे हैं।
लैक्रोइ ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) के साथ शुक्रवार को एक साक्षात्कार में कहा कि यदि दो-तीन साल पहले के समय से तुलना की जाए, तो भी ‘‘हमारे अधिकतर शांतिरक्षा मिशनों के लिए राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी हालात खराब हुए हैं।’’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह बात भी ‘‘उतनी ही महत्वपूर्ण’’ है कि ये संघर्ष ‘‘बहु चरणीय’’ हैं और ये अकसर स्थानीय और राष्ट्रीय होने के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक भी होते हैं। उन्होंने उदाहरण के तौर पर अफ्रीका के गरीब साहेल क्षेत्र का जिक्र किया, जहां आतंकवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं।
लैक्रोइ ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकयों, फर्जी समाचारों के प्रभाव और संघर्षों पर गलत सूचना समेत कई ऐसे कारक हैं, जो संघर्ष बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र समूह ‘‘हमारे कदमों को कमजोर करने के लिए अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’
उन्होंने दक्षिण कोरिया के सियोल में सात-आठ दिसंबर को होने वाली संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक को शांति सैनिकों के प्रदर्शन, प्रभाव और उनके उपकरणों की प्रभावशीलता में सुधार करने और इन प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया।
*******************************
हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें
सहयोग करें
POST COMMENTS (0)