मेलबर्न, 30 जनवरी (द कन्वरसेशन) : चीन की राजधानी बीजिंग में चार फरवरी से शुरू हो रहे शीतकालीन ओलंपिक खेलों का कूटनीतिक स्तर पर बहिष्कार कर रहे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों के राजनयिक इस अवसर पर वहां मौजूद नहीं रहेंगे।
इन देशों की ओर से खेलों का राजनयिक बहिष्कार चीन के शिनजियांग स्वायत्त क्षेत्र में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन संबंधी चिंताओं को लेकर है।
‘द कन्वरसेशन’ साप्ताहिक की इस कड़ी में, हम तीन विशेषज्ञों से शिनजियांग के लिए चीन के दीर्घकालिक दृष्टिकोण और क्षेत्र के उत्पीड़ित उईगुर समुदाय के लोगों के लिए वहां की रणनीति के बारे में बात करते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक शिनजियांग प्रांत में रहने वाले लोगों के घरों में जहरीली भारी धातुएं भी पड़ी हुई हैं। एक शोधकर्ता को दुनिया भर से वैक्यूम क्लीनर धूल के बारे में ई-मेल पर रिपोर्ट प्राप्त हुई और उसने जांच में इस बात की पुष्टि की।
शिनजियांग की मौजूदा स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय चीन की सरकार पर लगातार दबाव बना रहा है।
राजनयिक स्तर पर अनौपचारिक रूप से बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों का बहिष्कार होने की खबर सामने आने के तुरंत बाद लंदन स्थित उईगुर ट्रिब्यूनल ने दिसंबर में अपनी जांच में पाया कि चीन के जनवादी गणराज्य ने शिनजियांग क्षेत्र में नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध और उईगुर, कज़ाख और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ अत्याचार किया था।
लंदन स्थित उईगुर ट्रिब्यूनल स्वतंत्र है और इसके फैसले का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कोई महत्व नहीं है। चीन ने उईगुर ट्रिब्यूनल के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि जबरन श्रम और नरसंहार के आरोप ‘‘दुर्भावना से प्रेरित अफवाहें’’ थीं।
हालांकि, इसके बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय ने कहा कि वह जल्द ही शिनजियांग क्षेत्र की स्थिति का आकलन प्रकाशित करेगा। शोधकर्ताओं के लिए यह पता लगाना बेहद मुश्किल हो गया है कि वास्तव में शिनजियांग क्षेत्र में क्या हो रहा है।
कनाडा में साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय में राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के एक वरिष्ठ व्याख्याता डैरेन बायलर, जो शिनजियांग में रह चुके हैं और आखिरी बार 2018 में वहां गए थे, उनका कहना है कि उन्हें अब जानकारियां परिवार और दोस्तों द्वारा उईगुर प्रवासी समुदाय के सदस्यों को दी गई खबरों से मिलती है।
बायलर का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ साल पहले की तुलना में कम उईगुरों को अब अधिकारियों द्वारा नजरबंदी शिविरों में हिरासत में लिया जा रहा है। हालांकि, उनका कहना है कि व्यापक स्तर पर कई परिवारों के सदस्य एक-दूसरे से अलग हो गए हैं और सैकड़ों हजारों लोग अभी भी लापता हैं। नजरबंदी शिविरों से बाहर रह रहे लोगों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाती है।
ब्रिटेन में शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय में पूर्वी एशियाई अध्ययन के व्याख्याता डेविड टोबिन शिनजियांग और उईगुरों के साथ चीन के संबंधों के लंबे इतिहास की व्याख्या करते हैं।
टोबिन कहते हैं, ‘‘चीन में शिनजियांग को कैसे शासित किया जाता है, इसकी अंतर्निहित समस्या यह धारणा है कि उईगुर समुदाय के लोग बर्बर थे और 1949 में चीनी बनकर इंसान बन गए।’’
ऑस्ट्रेलिया में जेम्स कुक विश्वविद्यालय में राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक वरिष्ठ व्याख्याता अन्ना हेस कहती हैं, ‘‘शिनजियांग प्रांत चीन की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट एंड वन रोड परियोजना के लिए एक रणनीतिक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है।’’
(जेम्मा वेयर, संपादक एवं सह-मेजबान, द कन्वरसेशन साप्ताहिक पॉडकास्ट, डैनियल मेरिनो, सहायक विज्ञान संपादक और द कन्वरसेशन साप्ताहिक पॉडकास्ट के सह-मेजबान)
******************************************************************
हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें
सहयोग करें
POST COMMENTS (0)