बीजिंग, सात जनवरी (भाषा): पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर चीन द्वारा किए जा रहे पुल निर्माण के संबंध में चीन का कहना है कि वह अपनी क्षेत्रीय सम्प्रभुता की सुरक्षा के लिए बुनियादी ढ़ांचे का निर्माण कर रहा है।
गौरतलब है कि भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पैंगोंग झील पर चीन जहां पुल बना रहा है वह क्षेत्र पिछले करीब 60 साल से चीन के अवैध नियंत्रण में है और उसने (भारत) कभी ऐसी गतिविधि को स्वीकार नहीं किया।
नयी दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, ‘‘पैंगोंग झील पर चीन द्वारा किए जा रहे पुल निर्माण से जुड़ी खबरों के संबंध में, सरकार गतिविधियों पर करीब से नजर रख रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुल का निर्माण उस क्षेत्र में किया जा रहा है जो पिछले करीब 60 साल से चीन के अवैध नियंत्रण में है। जैसा कि आप सभी को पता है, भारत ने कभी भी इस अवैध नियंत्रण को स्वीकार नहीं किया है।’’
बागची ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा हितों के पूर्ण संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।
बागची के बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को पैंगोंग सो पुल का प्रत्यक्ष उल्लेख किये बगैर पत्रकारों से कहा कि ‘‘आपने जो बात कही, मुझे उसकी जानकारी नहीं है।’’
वांग ने कहा, ‘‘मैं यह बताना चाहता हूं कि चीन द्वारा अपनी सीमा में किया जा रहा बुनियादी ढ़ांचे का निर्माण पूरी तरह से उसकी सम्प्रभुता में आता है और उसका लक्ष्य चीन की क्षेत्रीय सम्प्रभुता की रक्षा करना और चीन-भारत सीमा पर शांति तथा स्थिरता बनाए रखना है।’’
खुर्नाक इलाके में पुल के निर्माण की उपग्रह से प्राप्त तस्वीरें सोमवार को सामने आयी हैं।
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