बीजिंग, 18 नवंबर (भाषा) : अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के साथ ही चीन को भी धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए ‘चिंता वाले देशों की श्रेणी’ में रखे जाने को लेकर बृहस्पतिवार को चीन ने उसकी आलोचना की और वॉशिंगटन पर आरोप लगाया कि वह दूसरे देशों के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए प्राय: धार्मिक मुद्दों का उपयोग करता है।
अमेरिका ने बुधवार को चीन, पाकिस्तान, ईरान, उत्तर कोरिया और म्यांमा सहित कई देशों को ‘‘धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए चिंता वाले देशों की श्रेणी’’ में रखा था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां मीडिया से कहा कि चीन निराधार आरोपों का जोरदार विरोध करता है क्योंकि इससे देश की धार्मिक स्वतंत्रता को बदनाम किया जा रहा है।
अमेरिकी आरोपों के बारे में पूछने पर झाओ ने कहा, ‘‘चीन की सरकार कानून के मुताबिक नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करती है।’’
उन्होंने कहा कि चीन में करीब 20 करोड़ धार्मिक मतों को मानने वाले लोग हैं, 3.80 लाख से अधिक धार्मिक कर्मचारी हैं, 5500 धार्मिक समूह हैं और धार्मिक गतिविधियों के लिए 1.40 लाख से अधिक स्थान हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन के लोग धार्मिक स्वतत्रंता का पूरा लाभ उठाते हैं। शब्दों से ज्यादा तथ्य इसे बताते करते हैं और किसी झूठ को हजार बार दोहराने पर भी वह झूठ ही रहता है।’’
झाओ ने कहा कि अमेरिका को अपनी गिरेबां में झांकना चाहिए और दूसरे देशों में हस्तक्षेप के लिए धार्मिक मुद्दे उठाने से बचना चाहिए।
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