बीजिंग, 24 सितंबर (भाषा) : चीन ने वाशिंगटन में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के बीच क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले शुक्रवार को समूह की आलोचना की और कहा कि इस ‘विशिष्ट बंद समूह’ का गठन समय की प्रवृत्ति के खिलाफ है और इसे ‘कोई समर्थन नहीं’ मिलेगा। क्वाड देशों के नेताओं की आमने-सामने होने वाली यह पहली बैठक है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समकक्ष ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट मॉरिसन और जापान के योशीहिदे सुगा शुक्रवार को व्हाइट हाउस में पहली बार आमने-सामने आयोजित होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिकी राजधानी में एकत्र हुए हैं।
क्वाड शिखर सम्मेलन को लेकर चीन की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मीडियाकर्मियों से कहा कि चारों देशों के समूह को किसी तीसरे देश और उसके हितों को निशाना नहीं बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन हमेशा मानता है कि किसी भी क्षेत्रीय सहयोग तंत्र को किसी तीसरे पक्ष को लक्षित नहीं करना चाहिए या उसके हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। किसी तीसरे देश के खिलाफ विशिष्ट बंद समूह का गठन मौजूदा समय की प्रवृत्ति और क्षेत्र के देशों की आकांक्षा के खिलाफ है। इसे कोई समर्थन नहीं मिलेगा।”
दक्षिण चीन सागर में चीनी दावों का बचाव करते हुए प्रवक्ता ने कहा, ‘चीन विश्व शांति का निर्माता, वैश्विक विकास में योगदानकर्ता और विश्व व्यवस्था को कायम रखने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन के विकास का मतलब है -दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए विकास तथा इसलिए सभी को एशिया प्रशांत में शांति, स्थिरता और विकास में चीन का योगदान देखना है… प्रासंगिक देशों को और अधिक ऐसे कार्य करने चाहिए जो इस क्षेत्र के चार देशों के साथ एकजुटता और सहयोग के लिहाज से अनुकूल हो।’
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