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चीन ने जयशंकर की टिप्पणी पर सहमति जतायी, कहा- चीन-भारत संबंधों के अपने ”अंतर्निहित तर्क” हैं


शुक्र, 17 सितम्बर 2021   |   < 1 मिनट में पढ़ें

बीजिंग, 17 सितंबर (भाषा) : चीन ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान पर सहमति जताई, जिसमें उन्होंने कहा कि बीजिंग को भारत के साथ अपने संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिये से नहीं देखना चाहिए। चीन ने कहा कि चीन-भारत के संबंधों के अपने ”अंतर्निहित तर्क” हैं।

जयशंकर ने दुशान्बे में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा कि दोनों पक्षों को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से संबंधित लंबित मुद्दों का जल्द समाधान निकालने के लिए काम करना चाहिए।

दुशान्बे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर एक बैठक में बृहस्पतिवार को जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों को ‘‘परस्पर सम्मान’’ आधारित संबंध स्थापित करना होगा और जिसके लिए यह आवश्यक है कि चीन, भारत के साथ अपने संबंधों को, तीसरे देशों के साथ अपने संबंधों के दृष्टिकोण से देखने से बचे।

जयशंकर की टिप्पणी को लेकर पूछे गए सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ” हम भारतीय पक्ष की टिप्पणी से सहमत हैं।”

उन्होंने कहा, ” चीन और भारत दोनों महत्वपूर्ण एशियाई देश हैं। संबंध विकसित करने के लिए दोनों देशों का एक अंतर्निहित आवश्यक तर्क है। चीन-भारत के संबंध कभी किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाते।”

इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में झाओ ने कहा, ” भारत-चीन संबंधों की प्रगति अपने अंतर्निहित तर्क का पालन करती है। चीन-भारत संबंध किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाते और ना ही किसी तीसरे पक्ष पर आधारित हैं।”

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POST COMMENTS (1)

Dinesh kumar singh

सितम्बर 18, 2021
चीन को कहना चाहिए कि 1947 , 48 में जितने में था उतने में पुनः आ जाए

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