पिथौरागढ़ (उत्तराखंड), 20 नवंबर (भाषा) : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सेवारत और सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए मिशन मोड पर काम कर रहा है।
सिंह ने एक गांव से शहीद सम्मान यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए रक्षा कर्मियों के कल्याण के लिए अपने मंत्रालय द्वारा किए जा रहे उपायों के बारे में बताया।
सिंह ने कहा, ”जब मैंने पदभार संभाला था तब 2006 से पहले सेवानिवृत्त हुए नायब सूबेदार संशोधित पेंशन से वंचित थे। अब, उनमें से लगभग 75,550 इसे प्राप्त कर रहे हैं। हमने शॉर्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से भर्ती किए गए रक्षा कर्मियों को भी सेवानिवृत्ति के बाद अपने रैंक का उपयोग करने की अनुमति दी है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने सशस्त्र बलों के तीनों अंगों के लिए पेंशन में संशोधन का भी आदेश दिया है।
सिंह ने कहा कि युद्ध में हताहत होने के मामले में सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को दो लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने पूर्व सैनिकों की शिकायतों के निवारण के लिए एक समर्पित प्रकोष्ठ बनाया है।
उन्होंने ‘वन रैंक वन पेंशन’ को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सराहना की।
सिंह ने कहा, ”हमारे पास चीजों को लागू करने के लिए आवश्यक राजनीतिक इच्छाशक्ति है।”
रक्षा मंत्री ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि वह रेजांग ला गए थे, जहां 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान 13 कुमाऊं बटालियन के 114 सैनिक शहीद हो गए थे।
सिंह ने कहा, ”उन्होंने करिश्मा किया था और वे उनके सम्मान में बनाए गए एक भव्य स्मारक के हकदार थे। एक प्रतीकात्मक स्मारक जो रेजांग ला में वर्षों से खड़ा था, उसे अब सैनिकों को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए उचित श्रद्धांजलि देते हुए एक भव्य स्मारक में बदल दिया गया है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि केवल सैनिक ही नहीं, केंद्र भी भारत की आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर देश के स्वतंत्रता संग्राम की प्रतिष्ठित हस्तियों का सम्मान करने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहा है।
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