लंदन, 15 सितंबर (भाषा) : चीन के शिनजियांग में उइगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर टिप्पणी के लिए कुछ ब्रिटिश सांसदों पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर ब्रिटेन ने चीनी राजदूत झेंग जेगुआंग को ब्रिटिश संसद से प्रतिबंधित कर दिया है। चीनी दूतावास ने ब्रिटेन के इस कदम की तीखी निंदा की है।
जेगुआंग को हाल ही में चीन संबंधी सर्वदलीय संसदीय समूह (एपीपीजी द्वारा आयोजित एक बैठक में भाग लेना था। लेकिन संसद के प्रतिबंधित सदस्यों और हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष लिंडसे हॉयल के एक पत्र के बाद इसे रद्द कर दिया गया।
सांसदों ने अपने पत्र में दलील दी कि चीनी सरकार ने अब तक प्रतिबंधों को हटाने का कोई प्रयास नहीं किया है जो लोगों का अपराधीकरण करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी आजादी को सीमित करने का एक औजार है। उन्होंने कहा कि वास्तव में, चीनी सरकार ने प्रतिबंधों को कानूनी बल देने के लिए कदम उठाए हैं।
यह समझा जाता है कि चीनी राजदूत पर प्रतिबंध स्थायी नहीं है। हाउस ऑफ लॉर्ड्स के अध्यक्ष जॉन मैकफॉल ने इस फैसले का समर्थन किया है। लॉर्ड मैकफॉल ने एक बयान में कहा, ‘दोनों सदनों के अध्यक्ष इस बात से सहमत हैं कि चीन संबंधी सर्वदलीय संसदीय समूह की बैठक लॉर्ड्स के दो सदस्यों सहित विभिन्न सदस्यों के खिलाफ मौजूदा प्रतिबंधों को देखते हुए कहीं और होनी चाहिए।’
संसद से राजदूत को प्रतिबंधित करने के कदम पर टिप्पणी करते हुए चीनी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘ब्रिटेन की संसद का निर्णय ब्रिटेन में कुछ लोगों की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। यह एक अदूरदर्शी, लापरवाह और कायरतापूर्ण कदम है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।’
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