अदिति खन्ना
लंदन, 23 अगस्त (भाषा) ब्रिटेन की सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने काबुल में अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है ताकि अफगानिस्तान की राजधानी से ब्रिटिश नागरिकों को निकालने में मदद मिल सके।
विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के पांच कर्मी काबुल में लोगों को निकालने के अभियान में पहले से लगे 14 कर्मचारियों के साथ काम करेंगे जिनमें से चार सोमवार सुबह पहुंचे जबकि एक कर्मचारी रविवार को ही पहुंच गया था।
एफसीडीओ ने एक बयान में कहा कि इसके बाद काबुल में तैनात एफसीडीओ के कर्मियों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है जिसमें राजदूत लॉरी ब्रिस्टो, काबुल में ब्रिटिश दूतावास के अधिकारी और अन्य शामिल हैं।
उसने कहा कि ब्रिटेन के सैनिकों के साथ ये कर्मचारी लोगों को निकालने में मदद करने के लिए जमीन पर 24 घंटे काम कर रहे हैं।
पिछले हफ्ते ब्रिटेन सरकार ने ऐलान किया था कि वह अफगानिस्तान के 20,000 लोगों को अपने यहां शरण देगा जिनमें से पांच हजार के पहले साल में पहुंचने की अपेक्षा है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को समूह (जी) सात के नेताओं की बैठक बुलाई है, जहां क्षेत्रीय संकट पर चर्चा होगी और अमेरिका पर अफगानिस्तान से अपने सैनिकों के इस महीने की अंतिम तारीख तक वापस बुलाने की समय सीमा को आगे बढ़ाने का दबाव डाला जाएगा। जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ईटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं। यह बैठक ऑनलाइन होगी।
इस बीच ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने सोमवार को कहा कि ब्रिटेन के पास अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के लिए हफ्ते नहीं बल्कि घंटों का ही समय है।
भाषा
नोमान अनूप
अनूप
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