नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को पांच देशों के समूह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका) की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विश्व की प्रभावशाली अर्थव्यवस्थाओं के इस मंच ने एक आतंकवाद-रोधी कार्ययोजना को मंजूरी दी है।
डिजिटल माध्यम से ब्रिक्स के सालाना शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और आज यह समूह विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावी आवाज बन गया है। उन्होंने अगले 15 साल में इस समूह को और प्रभावी बनाना सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा भी उपस्थित थे।
मोदी ने कहा कि ब्रिक्स शिखर वार्ता की 15वीं वर्षगांठ पर इस प्रभावी समूह की अध्यक्षता करना भारत के लिए खुशी की बात है। भारत की अध्यक्षता के दौरान सभी सदस्य देशों की ओर से मिले सहयोग के लिए उन्होंने आभार जताया और बैठक के एजेंडे पर सहमति बनाने का आग्रह भी किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक शानदार उदाहरण हैं। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है। आज की इस बैठक के लिए हमारे पास विस्तृत एजेंडा है। पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावी आवाज़ हैं।’’ उन्होंने कहा कि ब्रिक्स ने न्यू डेवलपमेंट बैंक और एनर्जी रिसर्च कॉरपोरेशन जैसे प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘गर्व करने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। यह भी जरूरी है कि हम आत्मसंतुष्ट ना हों। हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो विषयवस्तु चुनी है, वह इसी प्राथमिकता को दर्शाती है।
उल्लेखनीय है कि इस बार शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु ‘‘ब्रिक्स@15: अंतर-ब्रिक्स निरंतरता, एकजुटता और सहमति के लिए सहयोग’ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के बावजूद ब्रिक्स की 150 से अधिक बैठकें और कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें से 20 से अधिक मंत्री स्तर पर थे। उन्होंने कहा कि परंपरागत क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के साथ हमने ब्रिक्स एजेंडे को बढ़ाने का प्रयास किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल ब्रिक्स ने कई चीजें पहली बार हासिल की है। इस कड़ी में उन्होंने कहा कि नवंबर में जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स प्रारूप में पहली बार मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यह भी पहली बार हुआ कि ब्रिक्स ने मल्टीलिटरल सिस्टम्स की मजबूती और सुधार पर एक साझा रुख अपनाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ब्रिक्स काउंटर टेरिरज्म एक्शन प्लान को भी माना है। हाल ही में पहले ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन का आयोजन हुआ। तकनीक की मदद से स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए यह एक अहम कदम है। नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे।’’
भारत वर्ष 2021 में ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस वर्ष भारत उस समय ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, जब ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष मनाया जा रहा है।
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