रोम, 30 अक्टूबर (एपी) : ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चल रही उथल-पुथल के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन इस संबंध में अपने यूरोपीय सहयोगियों से शनिवार को बातचीत करने के लिए तैयार हैं। यूरोपीय नेता एक कूटनीतिक समाधान और ईरान के वार्ता की मेज पर लौटने से इनकार करने की आशंका को देखते हुए योजना बनाने पर जोर दे रहे हैं।
जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं के साथ यह बैठक ऐसे महत्वपूर्ण वक्त में हो रही है जब ईरान अपने यूरेनियम का संवर्धन लगातार बढ़ा रहा है। बाइडन 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने और ईरान को समझौते के अनुपालन के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान ने कहा कि जर्मनी की एंजेला मर्केल, फ्रांस के एमैनुअल मैक्रों और ब्रिटेन के बोरिस जॉनसन के साथ बैठक में नेता ‘‘इस मुद्दे पर एक जैसी बात कहेंगे।’’
परमाणु हथियारों पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने कहा कि ईरान समझौते का उल्लंघन कर रहा है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 के परमाणु समझौते से देश को अलग कर दिया था। अमेरिका ने वाशिंगटन तथा तेहरान को वापस समझौते के अनुपालन के लिए राजी करने के मकसद से अप्रत्यक्ष रूप से वार्ता में भाग लिया है। इस मुद्दे पर विएना में हुई वार्ता में जून से गतिरोध पैदा है जब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने सत्ता संभाली।
ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन और यूरोपीय संघ इस समझौते का हिस्सा बने हुए हैं।
शनिवार को होने वाली बैठक से कुछ दिन पहले ईरान के उप विदेश मंत्री और मुख्य वार्ताकार अली बागेरी ने ट्वीट किया था कि ईरान नवंबर के अंत तक समझौते पर बातचीत फिर से शुरू करने पर राजी हो गया है और वार्ता शुरू करने की तारीख की ‘‘घोषणा अगले सप्ताह की जाएगी।’’
सुलिवान ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अमेरिका अब भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या ईरान वार्ता को लेकर गंभीर है।
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