नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) : कोरोना वायरस संक्रमण के नए स्वरूप का पता चलने और कई स्थानों पर संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिणपूर्वी एशिया क्षेत्र के देशों से शनिवार को कहा कि वे सतर्कता बढ़ाएं और जन स्वास्थ्य सेवा एवं सामाजिक उपायों को मजबूत करें।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उत्सवों और समारोहों में सभी एहतियाती उपाय किये जाने चाहिए और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए।
दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, ‘‘हमें किसी भी कीमत पर सतर्कता कम नहीं करनी है।’’
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे क्षेत्र के अधिकतर देशों में कोविड-19 के मामलों में कमी आई है, लेकिन दुनिया के अन्य देशों में मामलों में बढ़ोतरी हुई है और नए चिंताजनक स्वरूप की पुष्टि लगातार बने हुए जोखिम की याद दिलाती है तथा वायरस से बचाव करने और इसे फैलने से रोकने के लिए हमें हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयास जारी रखने की आवश्यकता है।’’
सिंह ने कहा कि देशों को सतर्कता बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक और आवश्यता के अनुरूप सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक उपाय जारी रखने चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षात्मक कदम जितने जल्दी लागू किए जाएंगे, देशों को उतने ही कम प्रतिबंधात्मक कदम उठाने पड़ेंगे।
सिंह ने कहा, ‘‘कोविड-19 जितना फैलेगा, वायरस को उतना ही स्वरूप बदलने का अवसर मिलेगा और वैश्विक महामारी उतनी ही अधिक देर तक रहेगी।’’
उन्होंने कहा कि लोगों को जो सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहिए, वह है-वायरस के संपर्क में आने के जोखिम को कम करना। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को मास्क पहनना चाहिए, उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, हाथों को साफ रखना चाहिए, खांसते या छींकते समय मुंह को ढकना चाहिए और टीकाकरण कराना चाहिए।
सिंह ने कहा, ‘‘अभी तक क्षेत्र की 31 प्रतिशत आबादी का पूर्ण टीकाकरण हुआ है, 21 प्रतिशत आबादी का आंशिक टीकाकरण हुआ है और लगभग 48 प्रतिशत लोग या लगभग एक अरब लोग ऐसे हैं, जिन्होंने कोविड-19 रोधी टीके की एक भी खुराक नहीं ली है।’’ उन्होंने कहा कि टीकाकरण नहीं कराने वाले लोगों के संक्रमित होने और उनसे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद भी सभी को सावधानी बरतनी चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तकनीकी सलाहकार समिति ने कोरोना वायरस के नये स्वरूप को ‘ओमीक्रोन’ नाम दिया है और इसे ‘बेहद संक्रामक चिंताजनक स्वरूप’ करार दिया है। इससे पहले इस श्रेणी में कोरोना वायरस का ‘डेल्टा’ स्वरूप था जिसके कारण यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई थी।
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