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जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए सेना के छह कर्मियों को मिला शौर्य चक्र


रवि, 15 अगस्त 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) शांतिकाल में भारत का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पदक, शौर्य चक्र पिछले साल जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए सेना के छह कर्मियों को दिया गया है।

भारतीय सेना के अनुसार यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वालों में मेजर अरुण कुमार पांडे, मेजर रवि कुमार चौधरी, कैप्टन आशुतोष कुमार (मरणोपरांत), कैप्टन विकास खत्री, राइफलमैन मुकेश कुमार और सिपाही नीरज अहलावत हैं।

उसने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सेना के चार कर्मियों को ‘बार टू सेना’ पदक से सम्मानित किया गया, जबकि 116 अन्य को सेना पदक के लिए नामित किया गया।

सेना के अनुसार, राष्ट्रीय राइफल्स की 44वीं बटालियन के मेजर पांडे ने पिछले साल नौ और 10 जून को जम्मू-कश्मीर के एक गांव में आतंकवाद विरोधी अभियान का नेतृत्व किया और अभियान के दौरान ‘‘अद्वितीय साहस’’ का प्रदर्शन किया।

सेना ने कहा कि राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन के मेजर चौधरी ने अपनी यूनिट द्वारा चार सफल अभियानों का नेतृत्व करने में ‘‘असाधारण दृढ़ संकल्प’’ और दृढ़ता का प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप 13 आतंकवादियों का सफाया हुआ। पिछले साल तीन जून को उनके नेतृत्व में एक अभियान का उनके प्रशस्ति पत्र में विशेष रूप से उल्लेख किया गया था।

मद्रास रेजीमेंट की 18वीं बटालियन के कैप्टन कुमार को ‘‘अदम्य साहस’’ प्रदर्शित करने के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । पिछले साल आठ नवंबर को एक अभियान में उन्होंने अपने एक साथी सैनिक की जान बचाने और एक कट्टर आतंकवादी का खात्मा करने के लिए उच्च स्तर का पेशेवर कौशल दिखाया था।

राष्ट्रीय राइफल्स की 16वीं बटालियन के कैप्टन विकास खत्री को पिछले साल 12 और 13 दिसंबर की रात को 12,000 फुट की ऊंचाई पर चुनौतीपूर्ण इलाके के तहत जम्मू-कश्मीर में एक गश्त क्षेत्र के एक विशेष कार्य के वास्ते तैनात किया गया था।

सेना ने कहा कि उन्होंने भारी जवाबी कार्रवाई के बावजूद साहस और बहादुरी का परिचय देते हुए एक विदेशी आतंकवादी को मार गिराया।

राष्ट्रीय राइफल्स की नौवीं बटालियन के राइफलमैन कुमार 16 जुलाई की रात को जम्मू-कश्मीर के एक दूरदराज के गांव में आतंकवादियों की संभावित मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर एक खोजबीन अभियान का हिस्सा थे।

सेना ने कहा, ‘‘कुमार ने आतंकवादी का मुकाबला किया। वह गोली लगने से घायल होने के बावजूद अपने हथियार की बट से आतंकवादी पर हमला करते रहे।’’

सेना ने कहा, ‘‘अपने जख्म की परवाह किये बिना राइफलमैन मुकेश कुमार ने काफी करीब से आतंकवादी को मार गिराया और यह सुनिश्चित किया कि साथी सैनिक या आम नागरिक जख्मी नहीं हों।’’

सेना ने कहा कि सिपाही अहलावत को पिछले साल 20 जून को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान असाधारण वीरता दिखाने के लिए शौर्य चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उसने कहा कि अभियान में एक कट्टर पाकिस्तानी आतंकवादी को मार गिराया गया था।

सेना ने कहा कि अहलावत के वीरतापूर्ण कृत्यों से एक पाकिस्तानी आतंकवादी का सफाया हुआ था।

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप




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POST COMMENTS (1)

Somnath Ghorpade

अगस्त 15, 2021
Thank You Respected Major Gaurav Arya Sir for giving such briliant knowledge platform...Specially My Favorite Geopolitical Column

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