तवांग (अरूणाचल प्रदेश), 20 अक्टूबर (भाषा) : गोले बरसाने की अपनी क्षमता को बढ़ाते हुए भारतीय थल सेना ने अरूणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ऊंचे पर्वतों पर अच्छी खासी संख्या में उन्नत एल-70 विमान रोधी तोपें तैनात की हैं। वहां सेना की एम-777 होवित्जर और स्वीडिश बोफोर्स तोपें पहले से तैनात हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
दुर्गम क्षेत्र में 3.5 किमी की रेंज वाली विमान रोधी तोपों की तैनाती उन उपायों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिसे थल सेना ने पूर्वी लद्दाख में 17 महीनों के गतिरोध के आलोक में पूर्वी क्षेत्र में 1300 किमी से अधिक लंबे एलएसी पर अभियानगत तैयारियों का मजबूत करने के लिए किया है।
सेना ने वहां अच्छी खासी संख्या में एम-777 होवित्जर तोपें तैनात कर रखी हैं, जिन्हें तीन साल पहले हासिल किया गया था।
किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने की तैयारियों के तहत, थल सेना की ईकाइयां प्रतिदिन आधार पर सैन्य अभ्यास कर रही है। इसमें समन्वित रक्षा स्थानिकता भी शामिल है, जो कि पैदल सेना, वायु रक्षा और तोपखाना सहित सेना की विभिन्न शाखाएं शामिल हैं।
सैन्य अधिकारियों ने कहा कि उन्नत एल 70 तोप समूचे एलएसी पर अन्य कई प्रमुख संवेदनशील मोर्चें के अतिरिक्त अरूणाचल प्रदेश में कइ प्रमुख स्थानों पर करीब दो-तीन महीने पहले तैनात की गई थी और उनकी तैनाती से सेना के गोले बरसाने की क्षमता काफ बढ़ी है।
आर्मी एयर डिफेंस की कैप्टन एस अब्बासी ने कहा, ‘‘ये तोपें सभी मानवरहित वायु यान, मानवरहित लड़ाकू यान, हमलावर हलीकॉप्टर और आधुनिक विमान को गिरा सकती हैं। ये तोपें सभी मौसम में काम कर सकती हैं। इनमें दिन-रात काम करने वाले टीवी कैमरे, एक थर्मल इमेजिंग कैमरा और एक लेजर रेंज फाइंडर भी लगे हुए हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘तोप के गोला दागने की सटीकता बढ़ाने के लिए एक मजल वेलोसिटी रेडार भी लगाया गया है। ’’
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