नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और पोलैंड के बीच आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहायता से संबंधित संधि को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी ।
सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । इसका उद्देश्य परस्पर कानूनी सहायता के माध्यम से आतंकवाद से संबंधित अपराधों समेत अन्य अपराधों की जांच और अभियोजन में दोनों देशों की क्षमता और प्रभावशीलता में वृद्धि करना है।
इसमें कहा गया है कि इस संधि का उद्देश्य आपराधिक मामलों में सहयोग और आपसी कानूनी सहायता के माध्यम से अपराध की जांच और अभियोजन में दोनों देशों की प्रभावशीलता को बढ़ाना है।
बयान के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय अपराध और आतंकवाद के साथ इसके संबंधों के संदर्भ में, प्रस्तावित संधि में अपराध की जांच और अभियोजन के साथ-साथ अपराध के बढ़ने, इसके मददगार कारकों तथा आतंकवादी कृत्यों के वित्तपोषण के लिए धनराशि आदि का पता लगाने, रोकने और जब्त करने में पोलैंड के साथ द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करेगी।
इस संधि पर हस्ताक्षर और पुष्टि के बाद, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) 1973 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत उपयुक्त राजपत्र अधिसूचना जारी की जाएगी, ताकि भारत में संधि के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।
इसमें कहा गया है कि यह पोलैंड से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों से निपटने में भारत की प्रभावशीलता को बढ़ाएगा। एक बार इसके संचालन में आने के बाद, संधि के माध्यम से संगठित अपराधियों और आतंकवादियों के तौर-तरीकों के बारे में इनपुट और बेहतर जानकारी प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
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