लाहौर, छह नवंबर (भाषा) : पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कई नेताओं को आतंकवाद से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज मामलों में जमानत दे दी है। एक मीडिया रिपोर्ट में शनिवार को यह जानकारी दी गयी।
डॉन समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, शनिवार को जमानत पाने वाले सभी लोगों के खिलाफ पिछले महीने पंजाब प्रांत में टीएलपी कार्यकर्ताओं और सुरक्षा अधिकारियों के बीच हुई झड़पों के बाद आतंकवाद से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस कदम को टीएलपी नेता हाफिज साद हुसैन रिजवी की रिहाई और ईशनिंदा वाले कार्टून प्रकाशित करने पर फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शनों के बाद पाकिस्तान सरकार और प्रतिबंधित संगठन के बीच गुप्त समझौते के तौर पर देखा जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यायाधीश एजाज अहमद बटर और न्यायाधीश हुसैन भुट्टा ने 20 से अधिक मामलों में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। अदालत ने सभी टीएलपी नेताओं को एक-एक लाख रुपये का मुचलका जमा करने का निर्देश दिया।
पाकिस्तान सरकार के वार्ताकारों की टीम, जिसमें प्रभावशाली मौलवी भी शामिल हैं, ने 31 अक्टूबर को दावा किया था कि प्रतिबंधित संगठन के साथ आम सहमति बन गयी है, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई विवरण देने से इनकार कर दिया था।
डॉन समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, टीएलपी नेतृत्व को आश्वासन दिया गया था कि पाकिस्तान सरकार उनके खिलाफ मामूली मामलों पर जोर नहीं देगी लेकिन आतंकवाद रोधी कानून के तहत दर्ज मामलों का फैसला अदालतों द्वारा किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने टीएलपी को यह भी आश्वासन दिया है कि उनके खिलाफ प्रतिबंध हटाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
इस बीच, पंजाब के गृह विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पिछले हफ्ते कानून व्यवस्था के तहत हिरासत में लिए गए 860 टीएलपी कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया है।
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