वाशिंगटन, आठ दिसंबर (एपी) : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के उनके समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को दो घंटे तक वीडियो कॉल के जरिए हुई बातचीत में अमेरिका ने मॉस्को को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर उसने यूक्रेन पर आक्रमण किया तो उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे और रूसी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचेगा।
यूक्रेन सीमा पर रूस के हजारों सैनिकों के जमावड़े के बाद दोनों नेताओं के बीच यह बहु प्रतीक्षित बातचीत ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और पश्चिम देशों में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने की आशंका को लेकर चिंता बढ़ रही है।
पुतिन इस बैठक में बाइडन से यह गारंटी चाहते थे कि नाटो सैन्य गठबंधन यूक्रेन समेत अन्य जगहों पर अपना विस्तार नहीं करेगा।
यूक्रेन के सवाल पर तनाव कम करने की अभी कोई गुंजाइश नहीं दिखायी दी और अमेरिका ने कूटनीति और तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा रूस को आक्रमण के गंभीर परिणाम भुगतने की कड़ी चेतावनियां दी।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद कहा कि बाइडन ने ‘‘राष्ट्रपति पुतिन को साफ तौर पर कहा कि अगर रूस, यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो अमेरिका और हमारे यूरोपीय सहयोगी देश सख्त आर्थिक पाबंदियों के साथ प्रतिक्रिया देंगे।’’
उन्होंने कहा कि बाइडन ने कहा कि तनाव बढ़ने की स्थिति में अमेरिका ‘‘यूक्रेन को अतिरिक्त रक्षात्मक सामान मुहैया कराएगा और हम पूर्वी सीमा पर अपने नाटो सहयोगियों को अतिरिक्त क्षमताओं के साथ मजबूत करेंगे।’’
अमेरिका की एक शीर्ष दूत विक्टोरिया नुलैंड ने कहा कि यूक्रेन पर हमला करने से रूस और जर्मनी के बीच एक विवादित पाइपलाइन भी खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने मंगलवार को सीनेट की विदेश संबंधों की समिति को बताया कि अगर रूस हमला करता है ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि पाइपलाइन निलंबित कर दी जाएगी।’’
पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार युरी उशाकोव ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान प्रतिबंध की चेतावनियों को खारिज किया। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने संभावित प्रतिबंधों के बारे में बात की है लेकिन हमारे राष्ट्रपति ने जोर दिया कि रूस को किसकी आवश्यकता है। प्रतिबंध कोई नयी बात नहीं है, वे लंबे समय से लगे हुए हैं और उनका कोई असर नहीं पड़ेगा।’’
उन्होंने राष्ट्रपतियों के वीडियो कांफ्रेंस को ‘‘स्पष्ट और व्यावसायिक उद्देश्यों’’ वाला बताया और कहा कि दोनों नेताओं ने कई मौकों पर एक-दूसरे के साथ मजाकिया अंदाज में भी बातचीत की।
व्हाइट हाउस में सुलिवन ने कहा, ‘‘यह एक उपयोगी बैठक थी।’’
गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन सीमा के समीप हजारों सैनिकों को तैनात किया है। यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस पर युद्धग्रस्त पूर्वी यूक्रेन में टैंकों और स्नाइपरों को भेजकर संकट को और बढ़ाने का आरोप लगाया।
अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने स्वतंत्र रूप से इन आरोपों की पुष्टि नहीं की है लेकिन एक अधिकारी ने बताया कि व्हाइट हाउस ने आक्रमण की आशंका को लेकर रूस के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त की है।
क्रेमलिन ने कहा, ‘‘पुतिन ने इस पर जोर दिया कि रूस पर जिम्मेदारी तय करना गलत है क्योंकि नाटो यूक्रेन सीमा पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने की खतरनाक कोशिशें कर रहा है और रूसी सीमा के समीप अपनी सैन्य क्षमता का विस्तार कर रहा है।’’
बाइडन ने व्हाइट हाउस के स्थिति कक्ष से और पुतिन ने सोची में अपने आवास से बातचीत की, जो बाइडन के कार्यकाल की महत्वपूर्ण बैठकों में से एक है और ऐसे वक्त में हुई है जब अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने बताया कि रूस ने यूक्रेन सीमा के समीप 70,000 से अधिक सैनिकों को भेजा है और उसने अगले साल की शुरुआत में संभावित हमले की तैयारियां कर ली है।
सुलिवन ने कहा कि बाइडन और पुतिन ने ‘‘ईरान मुद्दे पर सार्थक बातचीत’’ की और इसे ऐसा क्षेत्र बताया जिस पर दोनों देश सहयोग कर सकते हैं।
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